बैतूल। देश के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिवस पर राधाकृष्ण धर्म शाला गंज बैतूल में अटल मानव समस्या निवारण समिति (अटल सेना) और भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ द्वारा पूर्व सांसद सुभाष आहूजा, महिला आयोग सदस्य गंगा उइके, बैतूल प्रभारी वंदना कुंभारे, पाषर्द ममता यादव, समाजसेवी शशि ठाकुर के आतिथ्य में सम्मान समारोह आयोजित कर रानी धुर्वे का सम्मान गया। इस मौके पर गंगा उइके ने कहा कि महिलाएं अपराध पर मौन नहीं रहें उसका खुलकर विराध करते हुए शिकायत दर्ज करवाएं। आपको आपका अधिकार दिलाया जाएगा। सुभाष आहूजा ने अटल बिहारी बाजपेयी के स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हुए कहा कि अटल बिहारी ने कहा कि रानी उनके समाज के लिए ही नहीं परन्तु पूरे जिले का गौरव है। रानी ने बता दिया कि शिक्षा के प्रति ललक हो तो गरीबी और वातावरण आड़े नहीं आ सकता है। इस मौके पर स्व. अम्बिका प्रसाद तिवारी स्मृति में उनके भांजे व कृषक राजू मिश्रा की ओर से रानी धर्वे की शिक्षा के लिए 21 सौ रूपए का चैक प्रदान किया गया। कार्यक्रम में कला पथक दल के सुरेश यादव, नवलकिशोर महोबे, नत्थु बारस्कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर गीत प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का मंच संचालन कुणाल शर्मा एवं आभार राजेन्द्र सिंह चौहान ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के संचालन में रंजीत शिवहरे, प्रमोद अग्रवाल, दीपक शर्मा, धीरज हिराणी का सराहनीय योगदान रहा। इस मौके पर छाया प्रजापति, उषा अतुलकर, सविता पाल, ‘योति विश्वकर्मा, ‘योति पंवार, रीना अतुलकर, मंजु उपासे, हीरा पंवार, राजकन्या वागड़े, रानी पंवार, तुलसी ठाकुर, आशा चंदेले, अनिल साहू, प्रवीण तिवारी, अनिल गुबरेले, दीपक पंवार, दीपक मालवीय, कमलेश कुम्भारे, रमेश जैन आदि उपस्थित थे।
ये है सफलता की कहानी, रानी की
अटल सेना अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने बताया कि ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओÓ पर आधारित इस कार्यक्रम में 150 वर्ष पुरानी आदिवासी बस्ती ओझाढ़ाना समाज की ऐसी प्रथम बेटी रानी धुर्वे जिसने इस वर्ष 12वीं कक्षा उतीर्ण कर कॉलेज में प्रवेश किया है उसका अटल सेना सम्मान करने जा रही है। आज तक के इतिहास में इस समाज से किसी भी छात्र ने 12वीं कक्षा उर्तीण नहीं की है। श्री चौहान ने बताया कि रानी के पिता का स्वर्गवास हो चुका है। रानी का भाई मजदूरी करते हुए पिता का फर्ज निभाते हुए रानी की शिक्षा में कहीं कमी नहीं आने दे रहा है। रानी की दृढ इ’छा शक्ति ओझा समाज के प्रेरणा का रूप ले चुकी है।