बैतूल। तुलसी पूजन, रोपण और सेवन से बुद्धिबल,मनोबल, चरित्रबल व आरोग्यबल बढ़ता है, इसमें केंसर रोधी तत्व भी पाए जाते है तुलसी को वैद्य भी कहा जाता है। तुलसी के सेवन से बल तेज और स्मरण शक्ति भी बढ़ती है, प्रत्येक व्यक्ति को ऐसी महिमामयी तुलसी का सम्पूर्ण लाभ मिले और पाश्चात्य संस्कृति के त्योहारों को न मनाकर भारतीय संस्कृति के महान पर्वों को मनाने की प्रेरणा देने के पवित्र उद्देश्य से शहर की समाजसेवी संस्थाएं श्री योग वेदांत सेवा समिति,युवा सेवा संघ एवं विश्व हिन्दू परिषद(बजरंग दल)बैतूल द्वारा शहर के कई मंदिरों,बाल संस्कार केंद्रों व सार्वजानिक स्थलों सहित संत आसाराम जी आश्रम चिखलार,रुक्मणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम व घर-घर में एक साथ तुलसी पूजन किया गया। युवा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि सर्वप्रथम दुर्गा माता मंदिर गंज में विहिप के जिला मंत्री महेंद्र साहू, जिला सहसंयोजक दिलीप यादव की उपस्थिति में तुलसी पूजन हुआ, उन्होने तुलसी की महिमा बताते हुए घर-घर तुलसी के पौधे वितरित करने का संकल्प दिलाया। वहीं पंडित व्यासमुनि पांडे ने वैदिक मंत्रों से पूजन कराया उसके बाद गायत्री मंदिर सिविल लाईन में भी विधिवत तुलसी पूजन किया तत्पश्चात रुक्मणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम में मंदिर संस्थापक सेम वर्मा जी के मुख्य आतिथ्य में मंदिर पुजारी असीम पंडा द्वारा विधि विधान से तुलसी पूजन हुआ। इस मौके पर श्री वर्मा ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होकर भारतीय संस्कृति के त्योहारों को पूर्ण हर्षोल्लास से मनाना चाहिए। हिन्दू भाई बहन अपने धर्म पर अडिग रहे व सनातन संस्कृति के प्रति सजग रहें और कैसी भी परिस्थति हो धर्मान्तरित होने से बचें। समिति द्वारा संतो की पहल पर शुरू किया गया तुलसी पूजन दिवस सराहनीय सेवा है भगवान बालाजी के मंदिर में हर वर्ष 25 दिसम्बर को यह तुलसी पूजन दिवस व्यापक रूप में मनाया जाएगा। श्री मदान ने बताया कि संत श्री आसारामजी आश्रम चिखलार में भी साधकों द्वारा पूर्ण हर्षोल्लास से तुलसी पूजन किया गया साथ ही शहर के गजानंद मंदिर,काली मंदिर काली चट्टान,दुर्गा मंदिर खंजनपुर,दादाजी कुटी खंजनपुर, सांई मंदिर, मराठी मोहल्ला, श्री हनुमान मंदिर टिकारी, कृष्ण मंदिर,दुर्गा मंदिर कोठीबाजार,शिव मंदिर, पंचमुखी शिव मंदिर सदर,पंजाबी कृष्ण मंदिर,संतोषी माता मंदिर सहित कई विद्यालयों,बाल संस्कार केंद्रों के साथ कई घरों में भी तुलसी पूजन आयोजित किया गया।आयोजन को सफल बनाने में समिति के रविकांत आर्य,सुरेंद्र कुंभारे,रोहित मिश्रा,देवेंद्र कडू,परसराम मर्सकोले, तरुण बगाहे,प्रहलाद पटेल, धीरज मर्सकोले, एल बी गायकवाड़,सुखदेव देशमुख,रूपा विश्वकर्मा सहित अन्य साधकों का सराहनीय योगदान रहा।