बैतूल -मनुष्य अपने जीवन में कई पहेलियाँ हल करते है और उसके फलस्वरूप इनाम पाते है | परन्तु इस छोटी-सी पहेली का हल कोई नहीं जानता कि – “मैं कौन हूँ?” यों तो हर-एक मनुष्य सारा दिन “मैं…मैं …” कहता ही रहता है, परन्तु यदि उससे पूछा जाय कि “मैं” कहने वाला कौन है? तो वह कहेगा कि— “मैं कृष्णचन्द हूँ… या ‘मैं लालचन्द हूँ” | परन्तु सोचा जाय तो वास्तव में यह तो शरीर का नाम है, शरीर तो ‘मेरा’ है, ‘मैं’ तो शरीर से अलग हूँ | बस, इस छोटी-सी पहेली का प्रेक्टिकल हल न जानने के कारण, अर्थात स्वयं को न जानने के कारण, आज सभी मनुष्य देह-अभिमानी है और सभी काम, क्रोधादि विकारों के वश है तथा दुखी है |उक्त आशय के प्रवचन सिविल लाइन स्थित मोहन कालोनी के गुरुद्वारे में आयोजित राजयोग कोर्स में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विधालय की दीदी ने व्यक्त किये | उन्होंने आगे कहा की अब परमपिता परमात्मा कहते है कि—“आज मनुष्य में घमण्ड तो इतना है कि वह समझता है कि“मैं सेठ हूँ, स्वामी हूँ, अफसर हूँ….,” परन्तु उस में अज्ञान इतना है कि वह स्वयं को भी नहीं जानता | “मैं कौन हूँ, यह सृष्टि रूपी खेल आदि से अन्त तक कैसे बना हुआ है, मैं इस में कहाँ से आया, कब आया, कैसे आया, कैसे सुख- शान्ति का राज्य गंवाया तथा परमप्रिय परमपिता परमात्मा कौन है?” इन रहस्यों को कोई भी नहीं जानता | अब जीवन कि इस पहेली को फिर से जानकर मनुष्य देही-अभिमानी बन सकता है और फिर उसके फलस्वरूप नर को श्री नारायण और नारी को श्री लक्ष्मी पद की प्राप्ति होती है और मनुष्य को मुक्ति तथा जीवनमुक्ति मिल जाती है | वह सम्पूर्ण पवित्रता, सुख एवं शान्ति को पा लेता है | परमपिता परमात्मा तो हमारा पथ-प्रदर्शन करते है और हमे सहायता भी देते है परन्तु पुरुषार्थ तो हमे स्वत: ही करना होगा, तभी तो हम जीवन में सच्चा सुख तथा सच्ची शान्ति प्राप्त करेंगे और श्रेष्ठाचारी बनेगे |आगे परमपिता परमात्मा द्वारा उद्घाटित ज्ञान एवं सहज राजयोग पथ प्रशस्त किया गया है | राजयोग का अभ्यास सीखने तथा जीवन दिव्य बनाने के लिए आप लाभ उठाये | सिंधु महिला सभा बैतूल की अध्यक्ष श्री मति कंचन आहूजा ने बताया की सात दिवसीय राजयोग कोर्स में प्रवचन के साथ ध्यान करना भी सिखाया जा रहा | इस शिविर में बड़ी संख्या में महिला और पुरुषो ने राजयोग कोर्स में शामिल होकर इसका लाभ उठाया | उन्होंने बताया की बुधवार को इसका समापन होगा इसके सिंधु महिला सभा ने ब्रम्हकुमारी आश्रम का धन्यवाद ज्ञापित किया |