बैतूल। बैतूल में बड़े पोस्ट आफिस को छोड़कर सबसे ‘यादा ग्राहक गंज पोस्ट आफिस में ही हैं परन्तु कार्य करने के लिए कभी दो बाबू कभी एक ही बाबू पर निर्भरता होती है। पोस्ट आफिस का काम कम्प्यूटराईस्ड होने के बाद ग्राहकों को लाभ होना था लेकिन कम्प्यूटर का सर्वर डाऊन होता है कभी बिजली नहीं रहती है, ग्राहकों को घंटों लाइन में खना रहना पड़ता है। इस संबंध में वरिष्ठ नागरिक सेवानिवृत्त रेलकर्मी शंकरलाल दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री की जन-धन योजना व जीरो बैलेंस पर खाता खुलने की सुविधा व छोटी बजत योजनाओं के लाभ को देखते हुए बहुत से गरीबी रेखा वाले पोस्ट आफिस से जुड़ गए हैं। सुकन्या योजना, एमआईएस योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए त्रैमासिक ब्याज योजना, महावार जमा येाजना व अन्य कई आकर्षित योजनाएं लागू की गई जिसके तहत बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग व गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों ने इसका लाभ लेने के उद्देश्य से पेास्ट आफिस की राह पकड़ी। ग्राहकों की संस्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हो गई परन्तु इन योजनाओं के साथ हितग्राहकों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि हर 2-3 माह में बचत योजनाओं के लिए नए नियम आ जाते हैं। अब नया नियम आया है कि नगद लेन-देन केवल बचत खाते से ही होगा। ग्राहक के सामने परेशानी यह है कि एमआईएस, सुकन्या योजना आदि पहले से ही संचालित कर रहें हैं अब उन्हें बचत खाता भी खोलना पड़ेगा। पहले बचत खाते में पैसे जमा होंगे उसके बाद भुगतान होगा। सैंकड़ो की तादाद में बचत खाता खोलने की जटिल प्रक्रिया, फोटो, आधार, फार्म भरकर जमा करना है, फिर पास बुक बनेगी और अन्य योजनाओं से परिपक्व होने पर बचत खाते में आने पर ही नगद भुगतान होगा। हालात यह है कि गंज पोस्ट आफिस ऐसे सैंकड़ों फार्म जमा पड़े हैं और स्टॉफ की भारी कमी के कारण अपना रेग्युलर काम करने के बाद पासबुक बनाना पड़ रहा है। इस कारण कर्मचारियों और हितग्राहियों के बीच विवाद होता रहता है। इस तरह के नियमों के पालन के लिए समुचित व्यवस्था नहीं करने से डाक विभाग के कर्मचारी भी परेशान हो रहें हैं। मुख्य डाक घर अतिरिक्त कर्मचारी की व्यवस्था आवश्यक है। जिससे उपभोक्ता परेशान होने से बचें और रोज विवाद की स्थिति न बन पाए और जनसंख्या और काम के अनुरूप गंज पोस्ट आफिस में सुविधाएं उपलब्ध की जाएं।