बैतूल। बुलबुले हिंद सरोजनी नायडू के जन्म स्थल हैदराबाद से उनके जन्मदिन से रेड बिग्रेड लखनऊ द्वारा शरुु की गई 2000 किमी की प्रेरणा यात्रा गत दिवस बैतूल पहुंची। इस यात्रा में एक दर्जन युवतियां शामिल है जिनमें से अधिकांश रेप विक्टम है। इन युवतियों में नया ज’बा और हिम्मत पैदा कर रेड ब्रिगेड तैयार करने वाली लखनऊ निवासी उषा विश्वकर्मा के नेतृत्व में युवतियां 13 फरवरी को हैदराबाद से निकली है। यात्रा का विराम 2 मार्च को भारत की कोकिला सरोजनी नायडू के निर्वाण दिवस उनके निर्वाण स्थल लखनऊ में समाप्त होगी। जोश और हिम्मत से भरी इन युवतियों को पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। जानकारी के अनुसार 2000 किमी की प्रेरणा यात्रा के रुट में बैतूल शहर शामिल नहीं था किंतु पोलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरुण सिंह भदौरिया के अनुरोध पर रेड ब्रिगेड बैतूल पहुंची। रेड ब्रिगेड हैदराबाद से लखनऊ तक कुल 50 जिलों में पहुंचेगी।
रेप हुआ है तो अपराधी को मिले सजा- उषा विश्वकर्मा
पोलिटेक्निक महाविद्यालय में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की संस्थापक गौरी पदम, विशेष अतिथि रेड ब्रिगे्रड की संस्थापक उषा विश्वकर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष महाविद्यालय प्राचार्य डॉ भदौरिया की मौजूदगी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उषा विश्वकर्मा ने बताया कि किसी भी युवति के साथ यदि रेप हुआ है तो वह अपराधी न होकर भी अपराधी जैसा जीवन जीती है, परिवार, समाज से जैसे वह अलग-थलग होती है। जबकि अपराधी कुछ महीनों या वर्षों की सजा काटकर आजाद हो जाता है, उम्र भर जो दंश रेप पीडि़ता झेलती है वह रेपिस्ट ने झेलना चाहिए। वह खुद इन परिस्थितियों से गुजर चुकी है और वक्त के साथ उन्होंने खुद को संभाला और उसके बाद रेप विक्टम महिलाओं, युवितयों का समूह बनाकर रेड ब्रिगेड की स्थापना कर मान खो चुकी महिलाओं के सम्मान की लड़ाई शुरु की। स्कूल, कॉलेज, शहर, गांव और चौपाल तक पहुंचकर रेड ब्रिगेड ने युवतियों को सुरक्षा के लिए जूडो, कराते, मार्शल आर्ट से अलग तकनीकि विकसित कर सुरक्षा के नए पैतरे तैयार किए है। अब तक 70 हजार युवितयों को यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि बैतूल में रेड ब्रिगेड का आना बैतूल का सौभाग्य है। उषा विश्वकर्मा से संघर्ष के संबंध में भी उन्होने जानकारी दी। गौरी पदम ने महाविद्यालय की युवतियों को किसी भी सूरत में हार न मानने के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि आत्मविश्वास यदि है तो हम हर मुश्किल का सामना कर सकते है लेकिन यदि हमने लडऩे से पहले हार मानना कायरता है। रेड ब्रिगेड के आलोकजी ने भी भारत कोकिला सरोजनी नायडू के जीवन एवं उनके प्रेरणादायक पहलुओं को कार्यक्रम में रखा।
सुरक्षा के लिए दिया लाईव डेमो
कार्यक्रम के बाद उषा विश्वकर्मा ने छेड़छाड़, रास्ता रोकने, रेप की कोशिश करने वाले मनचलों को सबक सिखाने के लिए लाईव प्रेजेन्टेशन दिया। यदि को पीछे से वार करे, कोई सामने से जकड़ ले, बाल पकड़कर काबू पा ले या फिर दुपट़्टा गले में कसकर अपनी जकड़ में ले और ऐसे में स्प्रे, पिन, मार्शल आर्ट, कराते, नाखुन, जैसी कोई भी सुरक्षा के लिए मौजूद चीजों का उपयोग नहीं कर पा रहे हो तो किस तरह सुरक्षित बचा जा सकता है इसके लिए अलग से विकिसत की गई तकनीकि की जानकारी एवं डेमों उषा ने दिया। उन्होंने बताया कि एक महीने का प्रशिक्षण सत्र भी रेड ब्रिगेड द्वारा आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम के बाद रेड ब्रिगेड अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई।