बैतूल। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में विज्ञान भवन नई दिल्ली में ‘दिल्ली एडं टीबी समिट-2018Ó प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रा’य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, स्टॉप टीबी कैम्पैन की महानिदेशक, विश्व के 20 राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस समिट में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आमंत्रण पर बैतूल से जिला क्षय अधिकारी डॉ.राहुल श्रीवास्तव ने शिरकित की। डॉ.श्रीवास्तव ने समिट में बताया कि किस तरह जिला स्तर पर टीबी की रोकथाम के प्रयास किए जा रहें हैं। डॉ.श्रीवास्तव ने कहा कि हमें बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहें हैं। डेली डॉट्स की दवाईयां शुरू होने के मरीजों का डिफाटल्टर रेट कम हुआ है और टीबी के विरूद्ध लड़ाई में प्राईवेट प्रेक्टिशनरों का भी सहयोग मिल रहा है।
देशी तकनीक से विकसित टु्रनैट मशीन प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर होगी स्थापित
इस मौके पर डॉ.श्रीवास्तव ने बताया कि समिट में चार अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसमें विश्व में 2030 तक टीबी को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन भारत में उ”ा तकनीक की मशीन उपकरणों के चलते भारत में टीबी को 2025 तक ही समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। डेलामैनिड एवं बिडाकुलीन नामक दवाईयों का उपयोग करते हुए एमडीआर टीवी के मरीजों की ईलाज अवधि को 24 माह से घटाकर 9 माह किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। सीबीनैट मशीन के माध्यम से टीबी मरीजों का जल्दी पहचान कर उपचार शुरू किया जाना और देशी तकनीक से विकसित टु्रनैट मशीन को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर स्थापित किया जाकर टीबी मरीजों को सुगम रूप से ईलाज उपलब्ध कराया जाएगा।