सेल्फ डिफेन्स केम्प के समापन पर महिला डाक्टर का भी हुआ व्यख्यान
बैतूल – जेएच कालेज की छात्राओं को सेल्फ डिफेन्स ट्रेनिंग के सात दिवसीय के समापन पर आयोजिका समाजसेवी श्रीमति कंचन आहूजा ने केम्प के समापन पर अपने उध्दबोधन में कहा की बच्चिया अगर आगे बड़े तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी वो कमजोर नहीं है बल्कि उन्हें अपनी शक्ति का एहसास नहीं है जिसे हम जगाने का काम कर रहे है | मै ज्यादा नहीं बोलना चाहती बल्कि मै चाहती की अब बच्चिया बोले की उन्होंने क्या सीखा इस केम्प से | केम्प के आखरी दिन सबसे पहले छात्राओं को सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग दी गई इसके बाद महिला चिकित्सक डॉ स्तुति धोटे ने इन बच्चियों को स्वास्थ्य के सम्बन्ध में बहुत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी दी उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के साथ क्या क्या सावधानी बरतना चाहिए इसके सम्बन्ध भी कई कई जानकारी दी | उन्होंने कहा की छोटी सी लापरवाही बड़ा रूप ले लेती है जो घातक साबित होता है | छात्रा शर्मीला धुर्वे ने इस केम्प को लेकर अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा की सभी छात्राओं को बड़ी ख़ुशी हुई की उनके लिए इतना अच्छा केम्प आयोजित किया गया जिसमे उन्हें सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग के साथ डिप्रेशन से बचने ,कैरियर बनाने ,खानपान और स्वास्थ्य को लेकर जो जानकारी दी गई वो वास्तव में हम लोगो की जिंदगी में बदलाव लाने के साथ हमारा उज्जबल भविष्य बनाने में सार्थक होगी | इस मौके पर समाजसेवी श्रीमती मीणा खंडेलवाल ने कहा की उनकी मनभावना जन सेवा संस्था समिति बच्चो के लिए कार्य करती है भविष्य उनकी संस्था उनके लिए रोजगार मूलक प्रशिक्षण देने की कोशिश करेगी जिसमे ब्यूटी पार्लर का कोर्स या ऐसे कोर्स जिनसे वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकती है | इस मौके पर कोच तपीशा पूजा अमझिरे ने कहा की मुझे कैंसर की बिमारी हो गई थी लेकिन वो बिमारी हमे सर्दी खांसी जैसी महसूस हुई सुर उससे हम बाहर आ गए ये इसलिए संभव हुआ की हमारी सोच पॉजिटिव थी आप लोग भी ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक ही सोचे जिससे आपको बहुत फायदे होंगे | अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुई समाजसेवी माधुरी साबले ने अपने सम्बोधन में कहा की जो आप चाहते है और आप में क्षमता है तो वो आपको हासिल होगा | आप इस पर ध्यान ना दे की लोग क्या बोलेंगे क्योकि बोलने वाले बोलते है उससे हमारी जिंदगी पर कोई फर्क नहीं पड़ता | पहले तो हमारे भी कुछ पल्ले नहीं पड़ता था लेकिन हमने ठान लिया था इसलिए हमने जो चाहा वो मिला | कोच राधेलाल वानखेड़े ने कहा की हमने दस हजार बच्चियों को ट्रेनिंग दी है लेकिन जिन्होंने सात दिन की ट्रेनिंग वे कभी प्रताड़ित नहीं हुई ऐसी ही अपेक्षा आप लोगो से है | कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने आयोजक और अतिथियों का पुष्पमाला पहना कर आभार व्यक्त किया और कहा की इस केम्प सार्थक परिणाम मिलेंगे |