बैतूल.माननीय न्यायालय द्वारा एसटी एससी एक्ट में संशोधन के निर्देशों का जहां अनुसूचित जाति से संबंधित संगठन विरोध कर रहे हैं वही सामान्य नागरिक न्यायालय के इस फैसले को सही बता रहे हैं। बंद के दौरान इसकी बानगी भी देखने को मिली जहां रैली के रूप में एकत्रित हुए दलित संगठन बलपूर्वक व्यापारियों की दुकानें बंद कराने के प्रयास कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ व्यापारी संगठनों के अलावा आम नागरिक हाथों में तिरंगा लेकर घूम रहे थे और व्यापारियों से अपनी अपनी दुकानें खुली रखे जाने की अपील भी करते नजर आ रहे थे इस संबंध में व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी एवं आम नागरिकों का कहना था कि एससी एसटी एक्ट में माननीय न्यायालय द्वारा संशोधन के किए गए निर्देश आम नागरिकों के हित में है क्योंकि कहीं कहीं इस एक्ट का दुरुपयोग भी बड़े पैमाने पर सामने आता है और निर्दोष लोगों को जबरन सजा भी भुगतने के साथ-साथ परेशान होना पड़ता है नागरिकों का यह भी कहना है कि माननीय न्यायालय ने इस एक्ट में सिर्फ इतना ही संशोधन किया है कि शिकायत के बाद पहले प्रकरण की जांच की जाए उसके पश्चात ही आरोपी पर मामला दर्ज किया जाए ऐसी स्थिति में जांच होने से पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
महामहिम राष्ट्रपती के नाम सौंपा ज्ञापन।
सामान्य नागरिक संगठन बैतूल मध्य प्रदेश
प्रति
महामहिम राष्ट्रपति महोदय
माननीय उच्चतम न्यायालय के स मान को कायम रखने बाबत।
माननीय महोदय जी भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट को लेकर दुरुपयोग के घटनाओं को प्रकाश में लाते हुए कुछ गाइडलाइन के आदेश जारी किए थे यदि माननीय न्यायालय ने किसी आदेश को पारित किया है तो वह पूरी जांच पड़ताल आदि के बाद ही किया गया होगा ऐसे में माननीय न्यायालय के आदेश के विरोध में भारत बंद कराना और खुलेआम इसका विरोध कराना सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है भारत की आजादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ है ऐसा होने से पूरे देश में कानून का राज खत्म होने की आशंका भी है अत: माननीय महोदय से निवेदन है हमारे संविधान के और सर्वोच्च न्यायालय के स मान में विरोध की ऐसी गतिविधियों पर अविलंब रोक लगवाने का कष्ट करें साथ ही माननीय न्यायालय के एससी एसटी एक्ट के संबंध में जारी की गई गाईडलाईन को ना सिर्फ कायम रखे बल्कि उसका अनुपालन भी पूरे गणराज्य में करवाने का कष्ट करें क्योंकि भारत सरकार की जि मेदारी भारत के प्रत्येक नागरिक के समानता के अधिकार के संरक्षण की है अत: किसी भी सरकार की ओर से भी किसी तरह की ऐसी गतिविधियां अर्जी दाखिल ना होने दी जाए जो समानता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करती हो समस्त भारतवर्ष के शासनिक प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते माननीय महामहीम पर हम सभी भारत के नागरिकों का अटूट विश्वास है और जातिगत भेदभाव को मिटाने के लिए आपकी पहल की प्रतीक्षा है
समस्त
सामान्य नागरिक संगठन बैतूल