बैतूल। महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय डीएनए दिवस की पन्द्रव्ही वर्षगांठ पर ”क्रिस्य तकनीक मानव जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी, विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. विनोद बर्डे एवं कार्यक्रम के संरक्षक प्राचार्य डॉ. के खासदेव द्वारा दीप प्र”ावलित कर शुभारंभ किया। स्वागत की बेला में प्राचार्य एवं प्रबंधन समिति द्वारा डॉ. विनोद बर्डे जो कि महा. के पूर्व छात्र रहे है का पुष्पगु’छ से स्वागत किया। डॉ. बर्डे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि डी.एन.ए. की संरचना एक आदर्श व्यक्त करती है निरन्तर मेहनत के लिये प्रेरित करती है क्योंकि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक पदार्थ के रूप में हमारी कार्यशैली को नियंत्रित करता है।
प्राचार्य डॉ. के. खासदेव ने उत्कृष्ट सम्बोधन में डी.एन.ए. का मानव जीवन के विकास में योगदान के अतिरोचक तथ्यों को बताया। प्रो. एस. आर. गायकवाड़ विभाग अध्यक्ष जन्तुशास्त्र विभाग द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि आनुवांशिक बीमारियों को जीवनथेरेपी के माध्यम से ईलाज करके ही विवाह संबंध तय होने चाहिये प्रो. पुष्पक देशमुख ने कहा कि संकट उन्नत किस्मे मानव जीवन के लिये हानिकारक है।
कार्यक्रम संयोजक प्रो.एस. लहरपुरे विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा क्रिस्य चेलेन्जिग टूल्स इन जिनोम एडिटिंगÓÓ पर सविस्तार समझाकर भविष्य में इस तकनिक के उपयोग पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। इस कार्यक्रम में स्नातक एवं स्नाक्तकोत्तर के कई छात्र छात्राओं ने डी.एन.ए. के द्विगुणन आनुवांशिक महत्व, संरचना पर व्याख्यान दिये।
इस कार्यक्रम में प्रो. आर. हनोते, प्रो. एस. राने,प्रो.एन. मिश्रा, प्रो. देवेन्द्र रघुवंशी, प्रो.ए. वागदे्र, प्रबंधन समिति से निर्गुण देशमुख, के. गढ़ेकर, एस. बालापुरे और लगभग १०० से भी अधिक छात्र छात्राये उपस्थित थे। अंत में प्रो. एस. खपरिये द्वारा डी.एन.ए. के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कार्यक्रम में आये अन्य विभागों के प्राध्यापक एवं प्रबंधन समिति का आभार व्यक्त किया।