बैतूल। ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी प्रकृति की उत्पत्ति, पालन-पोषण तथा लय की व्यवस्था को अल्प बुद्धि से समझने के लिए हमारे कृषकों का धर्म-कर्म समझ लेना ही पर्याप्त है। कृषक जब धरती माता में बीजारोपण करता है तब वह ब्रह्मा है जब खाद-पानी देकर चौकीदारी करता है तब विष्णु जैसा और फसल पकन के बाद जब कटाई करता और बीज निकालता है तब वह शिव जैसा होता है। उक्ताशय के विचार भागवत किंकर भाई हर्षित कृष्ण बाजपेयी केसला ने मलकापुर निवासी रमेश पटेल द्वारा पूर्वजों के मोक्ष के निमित्त पुरूषोत्तम मास में आयोजित प्रथम दिवस की कथा के दौरान व्यक्त किए। पुरूषोत्तम मास में किए जा रहे श्रीमद् भागवत महापुराण श्रवण सप्ताह के प्रथम दिन विशाल कलश यात्रा निकाली गई जो मलकापुर के मुख्य मार्गो से भ्रमण करती हुई कथा स्थल पटेल परिसर में पहुंची। कलश यात्रा के दौरान मुख्य यजमान रमेश-लभया पटेल द्वारा राधाकृष्ण मंदिर, संतोषी माता मंदिर, लिम्बाजी बाबा दरबार तथा प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजन व आमंत्रण दिया गया। पटेल परिवार ने सभी कथा लाभ लेने का आग्रह किया है।