बैतूल, दिनांक 27 फरवरी 2013
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मुलताई श्री एससी उपाध्याय ने मुलताई में हुए एक गेंगरेप के मामले में प्रकरण को संज्ञान में लेकर 58 दिवस के भीतर तीन आरोपियों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध 13 दिन में विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया था।
पुलिस अधीक्षक श्री ललित शाक्यवार से प्राप्त मामले की जानकारी के अनुसार प्रकरण में नाबालिग पीडि़ता के साथ 16 दिसंबर 2012 को संजू पिता रामाजी ढीमर, निवासी महावीर वार्ड मुलताई, मनीष पिता दुर्गाप्रसाद प्रजापति निवासी नेहरु वार्ड मुलताई एवं पप्पू पिता नंदू प्रजापति मुलताई द्वारा रास्ते में पकडक़र बलात्कार किया गया था। पीडि़ता की मॉं द्वारा 17 दिसंबर 2012 को मुलताई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट पर मुलताई थाना द्वारा अपराध कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक सुश्री संध्यारानी सक्सेना द्वारा की जाकर 20 दिसंबर 2012 को आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। इस प्रकरण में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मुलताई श्री उपाध्याय द्वारा 27 फरवरी 2013 को दिये गये फैसले में 58 दिवस के भीतर आरोपियों को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया है। गौरतलब है कि प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा 26 फरवरी 2013 को भी एक फैसले में गूंगी, बहरी एवं विकलांग लडक़ी के साथ बलात्कार के मामले में लगभग 60 दिवस के भीतर आरोपी राजू पिता श्री गोंड को 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये के आर्थिक दण्ड से दण्डित किया जा चुका है।
समा. क्रमांक/87/186/02/2013