बैतूल। जिले के कॉलेज में मल्टीफंगशनल लेबोरेटरी एंड फोरम के तत्वाधान में महाविद्यालय के कौटिल्य सभागृह में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मां सरस्वती पूजन, वंदना के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम में प्रो ऐके कदवानी भौतिक विभागाध्यक्ष ने छात्रों को संबोधन में बताया कि डॉ सीवी रमण ने रमण प्रभाव की खोज 28 फरवरी 1928 को की थी। इसी के चलते 28 फरवरी को साईंस दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ सुभाष लव्हाले ने सर सीवी रमण स्पेक्ट्रोस्कोपी को सरल शब्दों में बताया कि जब किसी माध्यम (ठोस,द्रव,गैस) पर उपयुक्त तंरग द्रव्यद्धर्य का प्रकाश आपतित करने पर माध्यम से गुजरने पर ट्रांसफिरेंट लाईट की तीव्रता में कमी एवं वृद्धि होती है।
जिससे उस माध्यम में उपस्थित अणु-परमाणु का फोटोग्राफ या स्पेक्ट्रम प्राप्त होता है। जिसकी सहायता से उस अणु का गुणत्मक एवं मात्रात्मक अध्ययन किया जाता है। प्राचार्य सर ने अपने उद्बोधन में बताया कि महाविद्यालय 2011 में अंतराष्ट्रीय वर्ष 2012 में राष्ट्रीय गणित वर्ष मनाये गये। 2013 में अंतराष्ट्रीय एक्स-रे वर्ष के रूप में मनाएगें। इससे महाविद्यालय के पीजी के छात्र लगातार उच्च शिक्षा में लाभान्वित हो रहे है। कार्यक्रम का संचालन भौतिक विभाग की छात्रा एमएससी फाईनल भौतिक की छात्रा दीपिका ठाकुर ने किया। कार्यक्रम में साईन्स विभाग के प्राणीशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो आरजी वर्मा, प्रो कदवाने, प्रो आभा वर्मा,प्रो सलील दुबे, प्रो मेहता, प्रो अर्चना मेहता, डॉ अल्का पांडे, प्रो अर्चना सोनारे, डॉ रामधार डहरिया, डॉ डोंगरे, डॉ बीडी नागले, प्रो मिश्रा, डॉ जीपी साहू, प्रो निरापुरे, प्रो माशोदकर, प्रो पवांर, समाजसेवी तुलसीसाहू एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।