राम ने पिता के आदेश से राजपद छोड़ा वहीं भरत ने भ्रातप्रेम वश राजगद्दी छोड़ दी। राम रावण युद्ध में लक्ष्मण विपत्ति में भाई के लिए जान पर खेल गए। मूर्छित लक्ष्मण को देखकर भाई राम का विलाप भ्रातप्रेम की पराकाष्ठा है। उक्त विचार झांसी से पधाररी मानस विदूषी मालती मानस मंजरी रामायणी ने व्यक्त किए। उन्होने कहा कि यू तो राजगद्दी के लिए बाली सुग्रीव युद्ध तथा रावण विभिषण का विवाद जगजाहिर है। कथा सुनने आस-पास के गांव के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।