बैतूल। आल इंडिया आर्गनाईजेशन ऑफ केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट व मप्र केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट ऐसोसिएशन विगत 3 वर्षो से सतत् ऑन-लाईन दवा विक्रय के खिलाफ में धरना, प्रदर्शन कर विरोध कर रहा है परन्तु केन्द्रीय शासन ने ऑन लाईन दवा विक्रय को बन्द तो नहीं किया बल्कि उसे कानूनी रुप देने जा रही है। बैतूल जिला औषधि विक्रेता संघ के सचिव रामप्रकाश गुगनानी ने कहा कि अॅान लाईन दवा विक्रय को वधता प्रदान करने से छोटे-छोटे दवा विक्रताओं का अस्तित्व तो समाप्त हो ही जाएगा उन पर आश्रित परिजनो व कर्मचारियो का भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा। शासन के पास आज भी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स की कोई अधिसूचित सूची उपलब्ध नहीं है, जिससे दवा के पर्चे की वैद्यानिकता संदेह के घेरे में आ जाती है। अति आवश्यक, आपात काल में उपयोग में आने वाली दवाईयां भी ऑन लाईन से समय पर पहुंचना संभव नहीं है।
वैक्सीन्स व इन्सुलिन आदि का विक्रय भी कोल्ड चैन के माध्यम से किया जाता है जो कि आन लाईन में एक चुनौती भरा कार्य है। आन लाईन में दवाईयों की बिक्री रजिस्टर्ड फ ार्मासिस्ट की देख-रेख में नहीं बल्कि कोरियर बॉय के द्वारा की जाती है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में भी अॅान लाईन सेे दवाईयां पहुंचना संदिग्ध है। मरीजो को फ ार्मासिस्ट द्वारा दी जाने वाली काउन्सलिंग का भी अभाव होगा। इन्ही कारणो से ऑन लाईन दवाओं का विक्रय अन्य कई देशो में बन्द कर दिया गया हैं। इन सब अनियिमताओं के कारण संगठन अॅान लाईन दवाओं के विक्रय का विरोध कर रहा है।