श्री विनायकम् स्कूल में आयोजित 17वें वार्षिकोत्सव ’’ शरणम’’ के पहले दिन रंगोली, फ्लावर डेकोरेषन, नन्हें मुन्ने बच्चों के डांस और फैंसीड्रेस प्रतियोगिता ने सभी दर्षकों का मन मोह लिया।
गौरतलब है, कि इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा – ’’ शतावधान’’
आपको बता दें कि ’’ शतावधान’’ प्राचीन समय से हमारी भारत भूमि, ऋषि-मुनियों एवं महान दार्षनिकों द्वारा आध्यात्मिक शक्तियों को जाग्रतकर अपनी स्मरणष्षक्ति को बढ़ाने के लिए जानी जाती है।
श्री विनायकम् द्वारा आयोजित ’’ शतावधान’’ कार्यक्रम में विद्यालय के 9 से 15 वर्ष के करीब 50 छात्रों में 50 Object को सुनकर उसी क्रम में एवं अनियमित क्रम में दोहराकर दर्षकों को अचंभित कर दिया।
ज्ञात हो, कि डाॅमिनिक ओ ब्राॅयन ने आँखों पर पट्टी बाँधकर 50 Object को क्रमागत एवं अनियमित क्रम में दोहराकर ’गिनीज़ बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड’ बनाया था। जबकि श्री विनायकम् स्कूल के 9 से 15 वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा आँखों पर पट्टी बांधकर 50 Object को क्रमागत ही नहीं बल्कि अनियमित क्रम में दोहराकर इतिहास रचा है।
बच्चों के इस कीर्तिमान को देखकर दर्षक और अतिथि सभी रोमांचित हो गये एवं बच्चों की विलक्षण बुद्धि की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि श्री विजय मनोहर तिवारी राज्य सूचना आयुक्त, श्री विनोदजी डागा भूतपूर्व विधायक, श्री जी.के.भरदिया महा प्रबंधक म.प्र.वि.म. एवं श्री प्रेमचन्द सुरानाजी ने आतिथ्य ग्रहण किया । श्री विजय मनोहर तिवारी जी ने कहा कि जब भी हमसे कोई हमारे कल्चर, जिले, राज्य और देष के बारे में हमसे पूछे तो हमें कम से कम जिले पर 15मिनट, राज्य पर 30मिनट, और देष के लिए 1 घण्टा बोलने में सक्षम होना चाहिए। षिक्षा सही मायने में केवल रिजल्ट या माक्र्स ही नहीं है, इससे भी बढ़कर बहुत कुछ होता है, जो श्री विनायकम् स्कूल में देखने को मिला है। इनके अनुसार ’’ शतावधान’’ बनना जो कि विनायकम् स्कूल के छात्रों में देखने को मिला है। इस उम्र में इस कला का प्रदर्षन करना दुर्लभ है। इन्ही शब्दों के साथ उन्होंने श्री विनायकम् विद्यालय एवं बच्चों को अपनी शुभकामनाएँ एवं आषिर्वाद दिया ।