महिला रसाईयों ने दिखाई ताकत
महाकुंभ,महासम्मेलन व महारैली संपन्न,जिले भर से जुटी हजारों महिला रसोईयें
फोटो- रसोईया संघ न्यूज
बैतूल। भारतीय रसोईया महिला स्वयं सहायता संघ का महाकुंभ, महासम्मेलन, महारैली रविवार शहीद भवन शिवाजी चौक में आयोजित किया गया। महारैली शहीद भवन से निकल कर शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंची जहां तहसीलदार महोदय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा। भारतीय रसोईया महिला स्व सहायता संघ की अध्यक्ष श्रीमती सरला इवने एवं संयोजक राजेंद्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने बताया कि रसाईयों को मिलने वाला अल्प मानदेय में कैसे बेटी पढ़ाएं कैसे बेटी बचाए। वर्तमान में मंहगाई 10 गुना बढ़ गई। अन्य विभाग के कर्मचारियों का समय-समय पर वेतन वृद्धि हो रही है। महासम्मेलन में दिल्ली जाने की रणनीति भी तैयारी की गई। दिल्ली जाने के लिए पांच सौ महिला रसोईयों ने अपनी सहमति दी। अब संगठन दिल्ली में ज्ञापन सौंपने के साथ प्रदर्शन करेगा। इस अवसर पर प्रमुख रूप से माया कास्दे, सुरेखा चौधरी, मीरा पंवार दुर्गा रैकवार, प्रेमवती सलामे, श्रीमती सरस्वती, कुसुम धोटे, राम विलास हेनोते, श्रीमती कुसुम कहार, नासिका साबले, श्रीमती संजू बघेल, श्रीमती शारदा सिंह, ममता बारस्कर, लक्ष्मी चौहान, रितु आर्य सुमित्रा मालवीय, ममता यादव, रंजना झाड़े, सुनीता धुर्वे, सुनीता सोहू, दीना खोड़के, लक्ष्मी वंशकार, आशा बारसे, गणेश बारमासे, वंदना बारमासे, पूजा रैकवार, तुलसी साहू, चिंटू ठाकुर, गंगा नागले आशा मालवीय, निशा जैन,कला अम्बुलकर सहित पूरे जिले से हजारों महिलाएं शामिल थी।
यह थी प्रमुख मांगे
भारतीय रसोईया महिला स्वयं सहायता संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में विभिन्न मांगों का उल्लेख किया गया है जिसमें ब”ाों की संख्या कम होने पर रसोईयों को नहीं हटाया जाए। खाद्यान एवं समूह की राशि पूर्व में 80 प्रतिशत थी जो कि वर्तमान में 50 से 60 प्रतिशत दी जा रही है। जिसके कारण हर समूह कर्ज में डुबा है इसे 100 प्रतिशत कर दिया जाए। विशेष पर्व पर विशेष भोजन की राशि भी अलग से दी जाए। इंधन का खर्च 50 प्रतिशत सरकार द्वारा दिया जाए। अधिकत्तर स्कूल में देखा जाता है कि स्कूल के प्रचार्य द्वारा रसोईयों से अन्य काम भी लिए जाते हैं जैसे स्कूलों की सफाई व धुलाई। जहां पर पानी नहीं है वहां पर पानी की व्यवस्था करना, वहां दूर से पानी लाना पड़ता है। जिसके कारण ब”ाों की भोजन व्यवस्था समय पर नहीं होती है रसोइयों से अन्य काम नहीं लिया जाए। आडिट के नाम पर अनपढ़ समूह को लूटा ना जाए। सांझा चूल्हा (आंगनवाड़ी) गावं व शहर में रसोईयों को 1500 कम से कम मानदेय दिया जाए जबकि ग्रामीण में 500 दिया जा रहा है और शहर में कुछ भी नहीं। माध्यमिक शाला में प्रति ब”ाा 6.53 पैसे से बढ़ाकर 15 रूपए किया जाए एवं प्राथमिक शाला प्रति ब”ाा 10 रूपए किया जाए। आंगनवाड़ी पोषण आहार 2012 से नहीं बढ़ा है जबकि मंहगाई 100 गुना बढ़ गई है। नाश्ता 1.50 से बड़ाकर 3 रूपए किया जाए एवं प्रति ब”ाा भोजन 3 रूपए से बड़ाकर 10 रूपए किया जाए। पूर्व में प्रति मंगलवार 7 रूपए प्रति ब”ाा भोजन की दर से समूह को मिलता था परन्तु आज वर्तमान में 4 रूपए प्रति ब”ाा मिल रहा है जो कि 10 रूपए प्रति ब”ाा दिया जाए। रसोई गैस सब्सीडी समूह के खाते में स्थानांतरित की जाए, हैं। ज्ञापन में मांगों को गंभीरता के साथ लेते हुए इसके शीघ्र निराकरण करने की बात कही गई है।