भूमिहीन किराएदार संगठन ने सौंपा ज्ञापन
बैतूल। भूमिहीन किराएदार संगठन के तत्वावधान में बुधवार शिवाजी चौक से रैली निकाल कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम से नजूल अधिकारी पियूष भट्ट को ज्ञापन सौंपा। रैली से पूर्व शहीद भवन में संगठन द्वारा महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी जी को श्रद्धांजली अर्पित की और रघुपति राघव राजाराम भजन के साथ रैली का शुभारंभ किया। रैली में उपस्थित महिलाओं ने गांधी टोपी पहने हुए कलेक्ट्रेट की परिक्रमा की। इस संबंध में संघ के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने बताया कि भूमिहीन किराएदारों के लिए शासन बहुत ही जटित नियम बनाए हैं और हमारी मांग है कि उन्हें पारदर्शिता के साथ लागू करे। रैली में छाया प्रजापति, उषा अतुलकर, सरीता शेषकर, सरीता पाल, रेखा खादीकर, पूजा अतुलकर, रीना अतुलकर, शीतल कामतकर, पूनम काकोडिय़ा, लीलावती मालवी, भोला राजपूत, सुमन वरवड़े, शकुंतला साहू, वहीदा शेख, चिंटू जावलकर, राशिदा कुरैशी, हमीदा बानो, अमीन अली, आशिया अली, रीता डांगे, बेबी महाजन, लक्ष्मी विश्वकर्मा, किरण भूमरकर, आरती राठौर, सीमा चंदेलकर, पूजा रैकवार सहित सैंकड़ों महिलाएं शामिल थी।
ये थी की मांगे भूमिहीन किराएदार महासंघ की मांगे
ज्ञापन में प्रधानमंत्री आवास किराएदारों भूमिहीन व्यक्तियों के लिए एएचपी योजना जिसमें बैतूल जिले मुख्यालय में 1500 हितग्राहियों ने ऑनलाईन अपने आवेदन पंजीबद्ध करवाए हैं। जिसको दो वर्ष हो गए है परन्तु आज दिनांक तक किसी भी हितग्राहियों से संबंधित विभाग ने कोई संपर्क नहीं किया ना ही कोई सर्वे किया है। एएचपी योजना की सही जानकारी नगर पालिका परिषद बैतूल किसी को नहीं दे पा रहें हैं व कहते हैं कि पांच सौ हितग्राहियों को पहले लाभ मिलेगा। हम जानना चाहते हैं कि योजना के तहत मकान निर्माण में हितग्राहियों को कितनी किस्त कब-कब देना होगा। पूर्व में नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा मौखिक रूप से हितग्राहियों को बुकिंग स्टालमेंट के नाम से 50 हजार रूपए देना होगा जिसके पश्चात फिर 3 लाख 50 हजार रूपए बाद में याने कुल चार लाख रूपए भूमिहीन गरीब किराएदारों के पास होते या एक लाख भी होते तो वह गरीब शहर में कहीं भी दो-तीन सौ फिट जगह लेकर सरकार की अनुदान योजना बीएलसी का लाभ लेकर अपना मकान बना सकते थे। भूमिहीन किराएदार गरीबों की यह मांग है कि शासन जगह दे भूमि दे, मकान हम स्वयं बना लेंगे या शहर से 4-5 किमी पर जगह मिले और वहां पट्टा दे। शासन-प्रशासन को हम कर्ज लेकर 25 हजार की राशि बुकिंग स्टालमेंट के नाम से देने के लिए तैयार है। परन्तु शासन मकान बनाकर दे और हमे कब्जा दे हमें मकान में शिफ्ट करें। बैंक गारंटी भी प्रशासन-शासन ले और हम तीन हजार रूपए महिना दे सकते हैं जो वर्ततान में किराया दे रहें हैं। हम गरीब कभी भी इस जन्म में चार लाख रूपए सपने में नहीं भर सकते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि इतना नहीं कर सकते हैं तो 12 एकड़ हमलापुर में या तो वह जमीन पर भूमिहीन किराएदारों के लिए शमशान घाट का ही निर्माण कर दिया जाए। सरकार द्वारा गरीबों को मकान का सपना दिखाकर उनकी भावना से खेला गया है।