आवेदनों का तत्परता से निराकरण के निर्देश
बैतूल, दिनांक 06 मार्च 2013
माह के प्रथम बुधवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली विशेष महिला जनसुनवाई जिले की महिलाओं की समस्याओं के निराकरण का सशक्त माध्यम बनती जा रही है। अब दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी यहां आकर अपने दुख दर्द सुनाती है। जिन पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित निराकरण की कार्रवाई की जाती है।
बुधवार को कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर एवं पुलिस अधीक्षक श्री ललित शाक्यवार द्वारा इस विशेष जनसुनवाई में आए लगभग 64 आवेदनों पर प्रभावी निराकरण की कार्रवाई की गई। इस दौरान महिलाओं पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा जैसे अनेक मामलों में परिवार परामर्श केन्द्र तथा पुलिस अधिकारियों को उचित एवं प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। ऐसी जरूरतमंद महिलाओं को कलेक्टर द्वारा नियमानुसार विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये भी कहा गया। इस दौरान बैतूल की कुमारी शिवानी कुंभारे द्वारा अपने अध्ययन हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को नियमानुसार आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के निर्देश दिये। सारनी की मीराबाई ने पारिवारिक कृषि भूमि दिलाने बाबत आवेदन दिया, जिसके लिये तहसीलदार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। बैतूल की सुनीता मानकर के अतिक्रमण हटाने संबंधी आवेदन पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिये गये। हर्राढाना की रमोती मर्सकोले के मजदूरी भुगतान संबंधी मामले में कार्रवाई के लिये श्रम पदाधिकारी को निर्देश दिये गये। बैतूल की गौरी बालापुरे ने विक्षिप्त महिला के संरक्षण के लिये आवेदन दिया गया, जिसके संबंध में तहसीलदार को उचित निराकरण के निर्देश दिये गये। साईखेड़ा निवासी सुनीता के पति की मजदूरी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उसे नियमानुसार सहायता दिलाने के लिये श्रम पदाधिकारी को कहा गया। घाटबिरोली की गीता साहू के पति की मृत्यु हो जाने के कारण उसे आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये। इसी तरह अन्य मामलों में भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये जाकर समय सीमा में निराकरण की कार्रवाई के लिये कहा गया।
जन सुनवाई के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री गौतम अधिकारी, उप संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती सुचिता बेक तिर्की सहित परिवार परामर्श केन्द्र की श्रीमती मीरा एन्थोनी भी उपस्थित थी।
समा. क्रमांक/23/209/03/2013
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