बैतूल। यह संघर्ष जो युद्ध से कम नहीं था वह मैने अपने अकेले के दम पर बेखौफ होकर बिना किसी स्वार्थ व लालय के, केवल समाज को न्याय दिलाने के लिए यह लड़ाई लड़ी है। क्योंकि एक गैर आदिवासी ने आदिवासी के लिए आरक्षित सांसद की सीट पर 10 साल तक कब्जा जमाए रखा था। यह बात अधिवक्ता और कांग्रेस नेता शंकर पेंद्राम ने अखिल भारतीय कांग्रेस के कमेटी के महासचिव राजेश गर्ग के समक्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बैतूल लोकसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। समाज शास्त्र से एमए और एलएलबी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त शंकर पेंदाम गांडी, हिन्दी, अंग्रजी और बांग्ला भाषा का अ’छा खासा ज्ञान रखते हैं। शंकर पेंद्राम ने बताया कि उन्होने 2009 में हुए बैतूल हरदा लोकसभा की वर्तमान संासद श्रीमती ‘योति धुर्वे द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लड़ी चुनाव को उ”ा न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी थी। इसके अलावा उ”ास्तरीय छानबीन समिति के समक्ष वर्ष 2009 में याचिका लगाई थी जिसमें छानबीन समिति ने श्रीमती ‘योति धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को अपने निर्णय 1 जनवरी 2017 और आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल आदेश 3 मई 2017 द्वारा फर्जी माना और उसके निरस्त किए जाने के आदेश पारित किए। श्री पेंदाम ने बताया कि श्रीमती ‘योति धुर्वे द्वारा पुनर्विलोकन याचिका दायर किए जाने से प्रकरण अभी तक लंबित रहा। अभी हाल ही में 6 फरवरी 2019 छानबीन समिति ने श्रीमती ‘योति धुर्वे की पुनर्विलोकन याचिका खारिज कर 3 मई 2017 को पारित आदेश को यथावत रखा। श्री पेंद्राम अजा, अजजा अभिभाषक संघ, बैतूल के अध्यक्ष पद पर,अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद नई दिल्ली इंदौर में और बैतूल शाखा में जिला अध्यक्ष के पद पर, बैतूल जिला कांग्रेस कमेटी, विधि एवं मानव अधिकार विभाग में जिला उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए समाज के हर वर्ग के धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रियता से भाग लिया और गरीब शोषित लोगों की सहायता की। श्री पेंद्राम को लोकसभा प्रत्याशी के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है।