बैतूल। गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन गुरूवार को शांतिकुज हरिद्वारा से आई टोली ने उपस्थित साधकों को व्याख्यान द्वारा मानव जीवन की अंतर्रात्मा को जगाने के लिए गायत्री मंत्र को आवश्यक बताया। टोली नायक सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि इस मंत्र से अंदर व बाहर का वातावरण प्रकाशमय होता है और प्रतिदिन 24 मंत्रों के जाप से ईश्वरीय शक्ति प्राप्त होती है। यज्ञ स्थल पर सुबह महामृत्युंजय मंत्र के साथ पुलवामा में शहीद वीर जवानों की आत्मा की शांति के लिए आहूती देकर, आतंकवाद का विरोध करते हुए भाईचारा स्थापित करने का संकल्प लिया। महायज्ञ में सुबह से ही आस-पास के गांव में हजारों की तादाद में श्रद्धालु उमड़े। इस मौके पर साधु-संतों ने ग्रामीणों के साथ मां ताप्ती में डुबकी लगाकर महायज्ञ में उत्साह दिखया। आयोजन समिति के गोलूप्रसाद डढोरे व जुगरू झपाटे ने कहा कि क्षेत्र में एतिहासिक यज्ञ होना निश्चित ही एक सराहनीय पहल है। जिससे क्षेत्र में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहेगी। समिति के कन्हैयालाल जितपुरे व मीडिया प्रभारी मदनलाल डढोरे ने बताया कि साधू संतो के द्वारा लगातार व्याख्यान कर समृद्ध भारत के विकास पर जोर देकर क्षेत्र के युवाओं में जाग्रति लाने का सार्थक प्रयास किया है। इस अवसर पर रोशनलाल पटैय्या, भभूतराव पंडागरे, लखनलाल गढ़ेकर, नारायणराव धोटे, रवि माकोड़े, रामनारायण साहू, रामभजन नरवरे, रामकिशोर झपाटे, मानकचन्द झपाटे, जुगरू झपाटे, मदनलाल डढोरे, ओंमकार डढोरे, सेवाराम नरवरे, आरके पालीवाल, सुरेश बारपेटे, टीसी आंघोरे सहित गायत्री परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।