पुरूषोत्तम राजोदिया तानाशाह प्रवृत्ति के: सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ
धरने का चौतीसंवा दिन
सहायक विकास विस्तार अधिकारी संघ बैतूल के तत्वाधान में शासकीय मान्यता प्राप्त संगठनों के समर्थन एवं सहयोग से धरना आज 34वें दिन भी जारी रहा। संगठन के सचिव धनराव चन्देलकर ने बताया कि जब राजोदिया उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना कर सकते है तो एडीईओ कौन खेत की मूली है उदाहरण है कि दिनांक 25.08.12 को जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति में कलेक्टर महोदय द्वारा 2 दिनों में वेतन भुगतान करने के निर्देश देने के बावजूद भी वेतन भुगतान नही किया गया माननीय मुख्य सचिव महोदय के कार्यालय के पत्र दिनांक 22.8.2012 के तारतम्य में माननीयआयुक्त महोदय नर्मदा पुरम संभाग होशंगाबाद के पत्र दिनांक 06.9.12 को जारी पत्र में स्पष्ट आदेश दिया गया था कि शीध्र वेतन भुगतान कर मुझे सूचित करें। किंतु फिर भी वेतन भुगतान नही किया गया राजोदिया का स्पष्ट अभिमत है कि जब इन तीनों वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों निर्देशों की अवहेलना कर 4 माह का वेतन नही दिया तब भी मेरा कुछ भी नही हुआ तो अधिनस्त कर्मचारियों की कौन बिसात। यह धरना प्रदर्शन करे या कुछ भी क्या फर्क पडता है? उक्त उदाहरण तानाशाही प्रवृत्ति का प्रतीक है। ऐसे तानाशाही प्रशासक के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होना सोचने का विषय है। फिर भी न्याय की आशा लिये एडीईओ शांतिपूर्ण धरना आंदोलन के माध्यम से अपनी बात शासन प्रशासन के समक्ष रख रहे है। सुरेश चौहान, विजयशंकर वर्मा, अनिल कापसे, एसआर केवटे, केएल ठाकुर, सोहनलाल राठौर, रमेश मालवीय, ओमप्रकाश भावसार, धनराव चन्देलकर, एमके जैन, आरकेपंडागरे, एके उबनारे, ए.के.खेस, बी.आर.चिकाने, मदनलाल डढोरे आदि है।