बैतूल। चलिए आज इस लेख का आरंभ माईकल वॉन के ट्यिुट से करते हैं, वॉन ने ट्यिुट किया है कि मौजूद पाकिस्तान में खेल रहे बाबर और फखर की जगह ही भारतीय टीम में बनती है वह भी प्लेइंग इलेवन में नहीं, गौरतलब है कि यह बात उन्होने भारत-पाक मैच से पहले कही। भारत-पाक के मैच से पहले तो पाकिस्तान के वजीरेआला और पूर्व कप्तान इमरान खान ने टीम को नसीहत दी थी कि अगर टॉस जीतते हो तो भारत के सामने बल्लेबाजी करना। इमरान खान ने मैच को लेकर लंबा-चौड़ा व्याख्यान दिया था। पाकिस्तान के कप्तान सरफराज ने इमरान की राय को ठेंगा दिखाते टॉस जीतकर मूर्खतापूर्ण (जिसे वह एक जांबाज निर्णय समझते होंगे) वह लिया और बाद में बल्लेबाजी का निर्णय लिया। यह ओपन स्क्रिट है कि पाकिस्तानी बल्लेबाज भारत के सामने बड़े मैचों में दूसरी पारी में अजीबो-गरीब तरीके से बिखरते हैं। पाकिस्तान टीम के प्रबंधन पिछले 10 मैचों का इतिहास उठाकर देखता तो उन्हें ज्ञात होता की वे सिर्फ एक मैच वेा भी पहले बल्लेबाजी कर ही जीते हैं। जब हार होती है तो कई बाते गाहे बगाहे उठ कर आती है ऐसी ही खबर आ रही है कि पाकिस्तान के खिलाडिय़ों में फूट है और टीम एक जुट नहीं है।
पाकिस्तान के सिर्फ चार विकेट गिरने के बाद ही पूर्व पाक खिलाड़ी शाहीद अफरीदी ने बयान दिया कि मुबारक हो भारत मैच जीत चुका है। उनके इस बयान को पाकिस्तान में आड़े हाथों लिया जा रहा है कि शाहीद ने इतनी जल्दी मैच का परिणाम कैसे बताया? पाकिस्तान क्रिकेट की ग्रह दशा खराब होने के पीछे उनकी गृह दशा प्रतिबिंबत होती है। खैर खबर यह नहीं है कि भारत मैच जीत गया, खबर तो तब बनती है जब भारत मैच हार जाता, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाड़ी इतने बड़े मैचों में भारत के विरूद्ध झुके हुए कंधों से, डरे-डरे खेलते हैं। विगत वर्षो में पाकिस्तान और वेस्ट इंडिज टीम ने टीम प्रदर्शन पर कम ही मैच जीतें हैं यह दोनो ही टीमें व्यक्तिगत प्रदर्शन पर मोहताज है, व्यक्तिगत प्रदर्शन से इक्का-दुक्का मैच ही जीते जा सकते हैं जिसे चमत्कार कहते हैं और चमत्कार को चमत्कार ही इसलिए कहते हैं कि वे बार-बार नहीं होते हैं। वहीं भारतीय टीम अब एक पेशेवर टीम के रूप में स्थापित हो चुकी है।
भारतीय टीम के प्रोफेशनल होने का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय टीम के लिए यह मैच इसलिए भी खास है जब ओपनर शिखर टीम से बाहर हो और अस्थाई ओपनर हो और मुख्य गेंदबाज भुवनेश्वर पहले स्पैल में ही चोटिल हो जाए फिर भी टीम का संतुलन बना रहा। पाकिस्तान को अब अपने बचे चारों मैच जीतना है जो मुश्किल दिखता है। क्रिकेट बहुत की निर्मम खेल है, विश्व कप कई खिलाडिय़ों को नायक बनाता है, कई का करियर तबाह कर देता है और कई कप्तानों का ताज भी चला जाता है। भारत-पाक मैच में शोयब मलिक की पारी शायद उनके करियर की अंतिम पारी हो और सरफराज की कप्तानी भी नहीं बचेगी। टीमें जब हारकर वापस अपने देश पहुंचती है तब अधिकतर 35 बरस उम्र पार के खिलाड़ी साफ्ट टारगेट होते हैं और 35 पार के सचिन की तरह कुछ खुशकिस्मत भी होते है, बरहाल भारतीय क्रिकेट टीम धोनी को कप उठाने का अवसर जरूर देना चाहेगी।