बैतूल। बुजुर्ग सागर की गहराई और आसमान की अनंत उंचाई का प्रतीक है, उन्हे सम्मान और आदर दें, आपके जीवन में खुशियां आने लगेगी, जीवन के कठिन दौर में जब मैं कैंसर से जूझ रहा था तब मेरी मां की देखभाल और आप सभी की शुभेच्छाओं ने ही मुझे फिर से खड़ा किया और मैं आपके बीच हूं, वृद्धजनों का सम्मान और आदर जीवन में प्रसन्नता का कारण है। उक्त उद्गार समाजसेवी,कैंसर फायटर हेमंतचंद्र दुबे बबलू ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के पहले आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर विशेष अतिथि बतौर मातोश्री आश्रम के संचालक समाजसेवी मनोज विष्ट ने कहा कि मेरी सेवा का संदेश यही है कि परिवारों में बुजुर्गों का आदर और सम्मान हो। श्री विष्ट ने आगामी 01 अक्टूबर को लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस आयोजन के बारे में जानकारी दी।
शनिवार की शाम सेंट जॉन्स ईएलसी चर्च में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2019 को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मसीह समाज द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में मातोश्री आश्रम संचालक मनोज विष्ट तथा कैंसर फायटर, समाजसेवी हेमंतचंद्र दुबे बबलू का सम्मान भी किया गया। करीब दो घंटों तक चली इस विचार गोष्ठी की शुरूआत पास्टर सीनीयार्ड मुंजी ने प्रार्थना से करते हुए पवित्र बाईबिल के संदेशों को उदधृत करते हुए कहा कि तू अपने माता पिता का आदर करना जिससे तेरा भला होगा और तू लंबी आयु प्राप्त करेगा। सम्मान को लेकर दिनेश जोसफ ने कहा कि मातोश्री आश्रम के माध्यम से बुजुर्गों की सेवा करने वाले मनोज विष्ट एवं कैंसर रोगियों की सेवा में तत्पर रहने वाले बबलू दुबे के कार्यो और उनके द्वारा की जा रही सेवा का सम्मान करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है।
विराज जेम्स ने कहा कि वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है, संयुक्त परिवारों का चलन कम हो गया है फलस्वरूप वृद्धजनों को परेशानी हो रही है। अपनों से वृद्धों का अलगाव देख आंखों में आंसू आ जाते हैं। सभी को इस गंभीर समस्या के निदान हेतु आगे आना होगा। मेबिल पीटर ने कहा कि हमारे पास वृद्ध हैं तो हम खुश हैं, परमेश्वर के आशीष से आशीषित हैं। श्रीमति पीटर ने वृद्धजनों को ओल्ड इज़ गोल्ड की व्याख्या करते हुए कहा कि ओ से आब्जर्व यानि हमारी देखरेख करने वाले, एल से लविंग यानि हमें प्यार करने वाले,डी से डिवोटेड यानि हमारे लिये त्याग करने वाले,जी से ग्रेसफुल यानि अपने बच्चों को देखकर उनका चेहरा खुशी से चमक उठता है,ओ से ओबेलाईज़ यानि आभारी और एल से लायल यानि विश्वस्त,डी से डेडिकेटेड यानि समर्पण का भाव।
हमें अपने माता पिता बड़े बुजुर्गों को खुश रखते हुए उनकी हर आवश्यकता का ध्यान रखना चाहिये। इस मौके पर अरूणा पीटर ने कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिये बुजुर्गों की सेवा अमृत के समान है,बुजुर्गों ने अपने जीवन की अनंत कठिनाईयों का सामना करते हुए परिवार की हर खुशी के लिये जीवन निर्वाह किया है। वृद्ध वो अमरबेल है जो कई पीढिय़ों तक अमर रहते हैं। इस अवसर पर बेबी एमओ ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बुजुर्गों की हर जरूरत का ध्यान रखकर ही हम खुश रह सकते हैं। विजय स्वरूप ने कहा कि हम ऐसा कोई भी अवसर हाथ से न जाने दे जब किसी वृद्ध का हाथ हमारे सर पर रखकर आशीर्वाद मिले। बुजुर्गों के आशीर्वाद से सूकुन मिलता है और यही कारण आपके जीवन में उन्नति के रास्ते खोल सकता है। इस अवसर पत्रकार राकेश मौर्य तथा मसीही समाज के वरिष्ठजन एवं अन्य समाजों के भी नागरिक उपस्थित थे। विचार गोष्ठी का समापन परमेश्वर की प्रार्थना से किया गया। संचालन दिनेश जोसफ एवं विराज जेम्स ने किया।