बैतूल। बैतूल में पहली बार विश्व सेक्सोफोन दिवस पर सेक्सोफोन बजाने वाले कलाकारों ने जब शब्द संस्था के मंच से अपने वाद्य यंत्र का जादू चलाना शुरु किया तो कार्यक्रम में उपस्थित सभी संगीत प्रेमियों का मन मोह लिया। कलाकारों की सांस और उंगलियों के नियंत्रित प्रयोग को दर्शकों ने जमकर सराहा। प्रतिष्ठित साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था शब्द के तत्वावधान में नेहरू युवा केंद्र के ऊपर प्रथम तल के हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ संगीतकार रमेश साहू, जयवंती हक्सर कॉलेज के प्रोफेसर सलिल दुबे,नेहरू युवा केंद्र ओंकार स्वामी एवं समाजसेवी हेमंत दुबे उपस्थित रहे। मां सरस्वती के पूजन उपरांत प्रारंभ हुए कार्यक्रम की शुरुआत में हनुमान चालीसा की प्रस्तुति बाद में तीनों कलाकारों ने एकल वादन के माध्यम से पुराने सदाबहार गीतों की प्रस्तुति देकर संगीत प्रेमियों का खूब मनोरंजन किया।
कार्यक्रम में बहारों फूल…प्यार करने वाले प्यार करते हैं शान से… अकेले हैं चले आओ जहां हो…. चल मुसाफिर तेरी मंजिल दूर है तो क्या हुआ… किसी राह में किसी मोड़ पर जैसे…लोकप्रिय गीतों की धुनों को बजा कर खूब तालियां बटोरी। संगीत संयोजक अखिलेश जैन बलिराम धोटे,शिवम धोटे, मनीष राठौर एवं शुभ ठाकुर ने सहयोग दिया। संगीत संध्या में बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे। समाजसेवी एवं कैंसर फाइटर हेमंत चंद्र दुबे द्वारा सभी कलाकारों का शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। संचालन प्रशांत पचौली डैनी सावन कुमार ने तथा आभार प्रदर्शन नरेंद्र ठाकुर ने किया शब्द संस्था द्वारा सभी का आभार माना गया है