पूर्व राष्ट्रपति और मिसाईल मैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम एवं नोबल पुरूस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के अनुसार बच्चे किसी भी अभियान के बेहतर संवाहक होते है। इसी अवधारणा को लेकर मप्र इको पर्यटन विकास बोर्ड एवं वन विभाग द्वारा पूरे राज्य में वर्ष 2014 से अनुभूति कार्यक्रम निरंतर संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष भी 1 लाख 25 हजार स्कूली बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक उत्साह, बच्चों को खाने-पीने के साथ वन, पशु-पक्षी दर्शन पर्यावरण संरक्षण औषद्यीय पौधों से लाभ आदि की महत्वपूर्ण जानकारी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान मास्टर टे्रनर्स द्वारा किया जाएगा।
एक दिनी ईकोफ्रेंडली प्रकृति की पाठशाला में बच्चों को हाथ धोना, गीले-सूखे कचरे का निष्पादन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम का महत्व बताने के साथ ही वन रोपणी संरक्षण के लिए बोरी बांधना, भूमि कटाव रोकने के लिए बोल्डर चैक डैम, वन सीमांकन में मुनारा निर्माण का महत्व जैसी अनेकों संरचनाओं से रूबरू करवाया जाएगा। चयनित बच्चों के वॉलेंटियर कोर्स का गठन किया जाएगा। जो अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान की जागरूकता के लिए विभाग से जुडक़र काम करेंगे। कार्यक्रम के दौरान बच्चों में निहित प्रतिभाओं को दिखाने के लिए मंच दिया जाकर पुरूस्कृत भी किया जाएगा। राजकीय बाल अधिकार मित्र सम्मान से सम्मानित मास्टर टे्रनर नूरूल लतीफ कुरैशी ने बताया कि बच्चों के उत्साह वर्धन के लिए जन प्रतिनिधियों को कार्यक्रमों में उपस्थिति जन प्रतिनिधियों को कार्यक्रमों में उपस्थित रहने के लिए वन मंत्री उमंग सिंघार ने व्यक्तिगत पत्र लिखकर अनुरोध किया है।
पश्चिम वन मंडल बैतूल सामान्य के अंतर्गत 30 व 31 दिसम्बर को धामदेही, मोहदा परिक्षेत्र, 2 जनवरी को कुरसना सांवलीगढ परिक्षेत्र, 3 जनवरी को सांगवानी रोपणी फोफल्या सांवलीगढ़ परिक्षेत्र, 6 व 7 जनवरी को शिवशक्तिधाम सुखवान तावड़ी परिक्षेत्र, 8 जनवरी को कुरसना गवासेन परिक्षेत्र, 10 जनवरी को दूधनाला गवासेन परिक्षेत्र, 16 व 17 जनवरी को झिरना धाम रतनपुर चिचोली परिक्षेत्र कुल 10 अनुभूति कैम्प आयोजित किए गए है। प्रत्येक कैम्प में 120 बच्चे शामिल होंगे।