जेएच कॉलेज बैतूल में बायोटेक्नालॉजी विभाग द्वारा शरीर का जादुगर इंसुलिन विषय पर शासकीय महाविद्यालय पढुंर्णा प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ.हर्षलता सोनटके, प्राचार्य डॉ.विजेता चौबे, बायोटेक्नालॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ.सुखदेव डोंगरे, अशोक मुनघाटे नागपुर, डॉ.मनोहर गावंडे, प्रो.संजय विश्वकर्मा की उपस्थिति में संपन्न हुआ। डॉ.हर्षलता सोनटके ने बताया कि किस प्रकार से इंसुलिन शरीर का जादुगर है, इंसुलिन शरीर में किस तरह शुगर को नियंत्रित करता है और जिससे शरीर में हाने वाली प्रोटीन मेटाबॉलिक क्रिया कार्बोहाईड्रेड मेटाबालिक तथा फैट मेटाबालिक क्रिया को प्रभावित करता है। जिससे शरीर को उर्जा मिलती है। इंसुलिन शरीर में शुगर को कंट्रोल करता है।
डायबिटिज बीमारी इंसुलिन की अधिकता व कमी से होती है। डॉ.सुखदेव डोंगरे ने कहा कि पेनक्रियाज से इंसुलिन का सिक्रिएशन होता है इसकी कमी से मधुमेह होता है इसलिए कार्बोहाईड्रेड अधिकता वाली वस्तु आलु, चावल आदि का प्रयोग हानिकारण होता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ.निहारिका भावसार ने व आभार प्रो.राजकुमार चौकिकर ने व्यक्त किया। प्रो.प्रीति नावंगे, डॉ.प्रतिभा चौरे, मुकेश करोले, रिया बारंगे ने प्लांट टिशु कल्चर पर वक्तैव्य दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिता मालवी, रूचिका बारस्कर, कल्पना लोखंडे, हिमशिखा धोटे, शिवानी गायकवाड़, योगिता मानकर, वंदना दाते, आदि ने सराहनीय योगदान दिया।