बैतूल। जेएच कॉलेज में एक दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार सेमीनार संपन्न हुआ। सेमीनार आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम मुख्य वक्ता पेटेन्ट आफिस मुम्बई के सहायक नियंत्रक जितेन्द्र चौरे और प्रभारी प्राचार्य डॉ.अनिता सोनी, डॉ.विजेता चौबे, प्रो.अशोक दभाड़े की उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर जितेन्द्र चौरे ने बताया कि बताया कि कॉपी राईट के रजिस्ट्रड होने पर उसका लाभ जीवन पर्यन्त तक मिल सकता है। कॉपी राईट कराकर अपने व्यापारिक टे्रडमार्क आदि को सेफ किया जा सकता है।
प्राध्यापक डॉ.विजेता चौबे ने बौद्धिक संपदा की उपयोगिता एवं महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ.धमेन्द्र कुमार ने बताया कि बौद्धिक संपदा को दृश्र्य या अदृश्य सम्पति के रूप माना जाता है और बौद्धिक संपदा एक सम्पति के रूप में स्वीकार की जाती है। डॉ.राजेश शेषकर ने इस अवसर पर बौद्धिक संपदा क्या और बौद्धिक संपदा के प्रकारो डालते हुए बौद्धिक संपदा की उपस्थिता साहित्य, व्यापार जगत, वैज्ञानिक जगत, कृषि एवं कृषि जुड़े कार्यो को विस्तार से बताया। राष्ट्रीय सेमीनार की संयोजक प्रो.गौसर, प्रो.हेमंत देशपांडे, प्रो.पंकज बारस्कर, प्रो.ललित धाण्डोले, डॉ.निशा मालवी, प्रो.कचंन गुजरे सराहनीय योगदान रहा। सेमीनार का संचालन संयोजक प्रो.कृष्णा गौसर ने और आभार प्रो.अशोक दाभड़े ने व्यक्त किया।