बैतूल। जेएच कॉलेज में मप्र शासन उच्चशिक्षा विभाग भोपाल के आदेश के परिपालन में के प्राणीशास्त्र विभाग के तत्वाधान में एवं उच्च शिक्षा विभाग भोपाल द्वारा प्रायोजित इंटरडिसीप्लीनरी एप्रोच इन नेचुरल सांइसेस विषय पर प्राचार्य डॉ.विजेता चौबे के संरक्षण में कनवीनर डॉ.सुखदेव डोंगरे के संयोजन में मुख्य व्यक्ता डॉ.विपिन व्यास डीन ऑफ लाइफ साइंस बीयू डॉ.आरके गर्ग प्रोफेसर ऑफ बायो सांइस बीयू. भोपाल, डॉ दिलीप गोरे डायरेक्टर साई बायोस्टेमस नागपूर, डॉ.पीके मिश्रा, डॉ.शीतल चौधरी, प्रो.शंकर सातनकर, डॉ.अनिता सोनी, डॉ. अल्का पाण्डे, डॉ. चंदशेखर मेश्राम, डॉ. खुशहाल देवधरे, डॉ.ओपी खत्री की डॉ. मीनाक्षी चौबे आईक्यूएसी प्रभारी की उपस्थिति में नेशनल वेबीनार पावरपाईंट प्रजनटेशन के माध्यम से सम्पन्न हुआ।
वेबीनार में 125 विद्यार्थी एवं 20 प्राध्यापक सहित कुल150 लोग जुड़े। डॉ.विपिन व्यास ने कहा कि बैतूल जिले की ताप्ती नदी में अनेक जलीय माइक्रोआर्गेनेस्म, पौधे एवं जलीय जंतु उपस्थित है। डॉ.दिलीप गोरे ने कहा बायोडायवर्सिटी की विभिन्नता ही पर्यावरण में संतुलन बनाती है। डॉ.पीके मिश्रा ने कहा वृक्षारोपण ही मानव जीवन को संरक्षित कर सकता है। प्राचार्य डॉ.विजेता चौबे ने भूमि संरक्षण पर विशेष जोर दिया। डॉ.शीतल चौधरी ने जल संरक्षण में वाटर हार्वेस्टिंग में बढ़ावा देने की बात कही। डॉ.सुखदेव डोंगरे ने कहा वायु प्रदूषण रोकने के लिए पेट्रोल, डीजल के वाहन कम उपयोग करने करो। डॉ.खुशहाल देवधर ने कहा प्रतिवर्ष तापक्रम विश्व में बढ़ रहा है प्लांटेशन से कम किया जा सकता है। डॉ.अल्का पाण्डे ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। डॉ.अनिता सोनी ने कहा कि रेडियोएक्टिव प्रदूषण पर नियंत्रण होना चाहिए। डॉ.प्रतिभा चौरे और प्रो.किरण खातरकर ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ.कमलेश अहिरवार ने आभार व्यक्त किया। वेबीनार के आयोजन में डॉ.निहारिका भावसार, डॉ.मनोहरराव गांवडे, प्रो.संजय विश्वकर्मा, डॉ.बीडी नागले, डॉ.अनिता सोनी का सराहनीय योगदान रहा।