मनरेगा आयुक्त डॉ.रविन्द्र पस्तोर ने रोजगार गारण्टी से लाभ प्राप्त हितग्राहियों के आवासों पर योजना से मिले फायदे की जानकारी लिखवाने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि कार्य स्थल पर मनरेगा कार्य की जानकारी तो रहेगी ही इसके अलावा हितग्राही के आवास पर भी हितग्राही द्वारा मनरेगा से जो लाभ लिया गया है उसको भी अंकित किया जाये ताकि ग्रामीणों को भी इस बात की जानकारी रहे कि मनरेगा से कौन से हितग्राही को क्या लाभ मिला है। डॉ.पस्तोर रविवार को शाहपुर में सरपंच सचिवों की बैठक को संबोधित भी कर रहे थे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री एस.एन.सिंह चौहान, रोजगार गारंटी परिषद के कार्यपालन यंत्री श्री गुप्ता सहित शाहपुर ब्लाक की पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
डॅा.पस्तोर ने कहा कि आगामी अप्रैल माह से इलेक्ट्रानिक फण्ड मेनेजमेण्ट सिस्टम (ईएफएमएस) लागू होगा जिसमें मजदूरों के खातों में सीधे राशि डल जायेगी और एक सप्ताह काम करने के एक-दो दिन बाद बिना विलंब मजदूरी की राशि मजदूरों के खाते में पहुंच जायेगी। अब मजदूरों को मजदूरी की चिंता नहीं करना होगी। उन्होंने ईएफएमएस प्रणाली की जानकारी देते हुये बताया कि इस प्रणाली के तहत किसी काम पर लगने वाले मजदूरों की इन्ट्री एक सप्ताह पूर्व कम्प्यूटर पर आनलाइन दर्ज करवाना होगी इस इन्ट्री से ई-मस्टर रोल निर्मित होगा जो कार्यस्थल पर मौजूद रहेगा इस मस्टर रोल पर हाजिरी एवं मूल्यांकन किया जायेगा तथा वेरीफिकेशन कर कम्प्यूटर में इन्ट्री की जायेगी। यह ई-मस्टर आनलाइन दिखाई देगा तथा जिन मजदूरों की हाजिरी मस्टर रोल में दर्ज है उनकी मजदूरी मजदूर के खाते में कम्प्यूटर के माध्यम से ही हस्तांतरित कर दी जायेगी।
मनरेगा के नये कामों का हो व्यापक प्रचार प्रसार
मनरेगा आयुक्त ने कहा कि मनरेगा में नये कार्यो को भी शामिल किया गया है इन कार्यो को कराने की प्रक्रिया एवं समस्त जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये। साथ ही ग्राम पंचायत भवनों पर कार्यो की जानकारी के फ्लेक्स लगाये जाये तथा प्रचार के लिये सभी उपयुक्त साधनों का इस्तेमाल किया जाये ताकि प्रत्येक ग्रामीण को नये कार्यो के बारे में जानकारी रहे।
मजदूरों के समूह बनाये जाये
मनरेगा आयुक्त ने बताया कि अब 30-30 सदस्यीय भूमिहीन मजदूर एवं भू-धारक मजदूरों के अलग-अलग समूह बनाये जायेगे, ये समूह अपने में से एक मेट का चयन करेंगे। मेट द्वारा समूह से कार्य का आवेदन लेकर ग्राम रोजगार सहायक को देगा तथा रोजगार सहायक द्वारा आवेदन की पावती भी दी जायेगी। रोजगार सहायक जनपद स्तर से ई-मस्टर तैयार कराकर कार्य आवंटित करायेगा। मस्टर का मूल्यांकन उपरांत जनपद से फण्ड टांसफर आर्डर जारी कर राशि मजदूर के खाते में हस्तांतरित कर दी जायेगी।
चार प्रकार का अंकेक्षण होगा
मनरेगा आयुक्त डॉ. रविन्द्र पस्तोर ने कहा कि कार्य होने के उपरांत चार तरह का अंकेक्षण किया जाये। कार्य में अपनायी गयी प्रक्रिया के लिये प्रक्रिया अंकेक्षण, कार्य की प्रगति का अंकेक्षण, कार्य में व्यय राशि का वित्तीय अंकेक्षण तथा शिकायतों के निराकरण संबंधी सामाजिक अंकेक्षण।
इसके अलावा उन्होंने मनरेगा के कार्यो को कार्य प्रारंभ से लेकर उसे पूरा करने की समय सीमा निर्धारित करने के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के प्रत्येक कार्य की समय सीमा उस कार्य की स्वीकृति के साथ ही तय कर दी जाये ताकि उस समय सीमा में कार्य पूरा किया जा सके। साथ ही पंचायतें कार्यों में उपयोग की गयी माप पुस्तिका सहित अन्य दस्तावेज भी ग्राम पंचायत में ही संधारित करें। इसके पूर्व डॉ. पस्तोर ने सालीमेट पंचायत में कपिलधारा कूप, सीसी रोड तथा गुरगुंदा में मेंढ़बंधान कार्यो का अवलोकन कर हितग्राहियों से विस्तार से चर्चा की।