बैतूल। 9 वर्षीय यशस्वी आज भी वह मंजर याद करके दुखी हो जाती है जब कार दुर्घटना में उसके मामा जितेश मिश्रा की मौत उसके सामने ही हुई थी। उल्लेखनीय है की यशस्वी के मामा जितेश मिश्रा बैतूल के रहने वाले थे। यशस्वी ने उस एक्सीडेंट में अपने मामा को तो खो दिया था लेकिन अपनी हिम्मत और सूझबूझ के कारण दो जानों को बचा लिया था। यशस्वी को यह अवार्ड सीआईडी के प्रमुख नायक शिवाजी साटम एसीपी प्रद्यमन और दया नायक एवं सीआईडी की पूरी टीम की मौजूदगी में प्रदान किया गया। यशस्वी के इस अभूतपूर्व वीरता से बैतूल निवासी निवासी यशस्वी के दादा डॉ श्रीराम तिवारी अभिभूत हैं। यशस्वी का बैतूल से गहरा नाता रहा है, यशस्वी डॉ श्रीराम तिवारी के अनुज डॉ महेश चन्द्र तिवारी की पोती तथा सदर बैतूल निवासी कृपाशंकर मिश्रा की नातिन हैं।
आज होगा सोनी टीवी पर प्रसारण
आज 14 अपै्रल दिन रविवार को शाम 5 बजे सोनी टीवी पर सीआईडी वीरता अवार्ड का प्रसारण किया जाएगा। जिसमें यशस्वी को यह अवार्ड मिला है, जिसके तहत यशस्वी को गोल्ड मैडल, एक लाख रूपये एवं प्रमाण पत्र मिला है। यशस्वी इकलौती पुरस्कार विजेता है है जिन्हें सोनी सीआईडी की तरफ से ओनररी मेंबरशीप प्रदान की गई है।
क्या था घटनाक्रम (उस एक्सीडेंट के फोटोग्राफ)
गत वर्ष 2012 में यशस्वी अपने मामा,मम्मी,छोटा भाई एवं ड्रायवर के साथ बैतूल से भोपाल जा रहीं थी। रात्रि में लगभग 1:30 बजे ईटारसी के आगे उनकी कार ट्रक से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें यशस्वी के मामा की स्थान पर ही मृत्यु हो गई और ड्रायवर गंभीर रूप से घायल हो गया था, एवं अस्पताल में ड्रायवर की भी मृत्यु हो गई। इस घटना में यशस्वी और उनकी मम्मी और छोटे भाई को गंभीर चोटें आई थी। यशस्वी ने उक्त दुर्घटना के बाद हिम्मत दिखाते हुए जख्मी हालत में अपने छोटे भाई को गोद में लेकर कार से बाहर निकली और राहगीरों को रोक कर सहायता मांगी एवं विभिन्न संबंधियों को मोबाईल पर सूचना देकर आगाह किया। बच्चे की गुहार सुनकर राहगीर एकत्र होकर यशस्वी के परिवारजनों को कार से बहार निकाला। यशस्वी की कठिन समय में धर्य एवं हिम्मत की वजह से दो जाने बच गई।