प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जेएन कंसोटिया महाविद्यालय पहुंचे
बैतूल। जहा शासकीय महाविद्यालय बैतूल में उस दिन अत्यन्त गौरव, हर्षोउल्लास का क्षण जब महाविद्यालय के इतिहास में पहली बार उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया जहा महाविद्यालय पधारे। इस अवसर पर श्री कंसोटिया ने बाबा साहेब की प्रासंगिता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मानवीय सृष्टि के इतिहास के लिए बहुत अधिक महत्वपुर्ण है। क्योंकि देश के एक तिहाई लोगों की प्रगति का मार्ग आज के दिन अवतरित बाबा साहब अम्बेडकर ने प्रशस्त किया था। श्री कंसोटिया ने कहा कि सब लोगों की सहभागिता के बिना देश की अर्थव्यवस्था विकसित नहीं हो सकती थी। उन्होने 30 वर्षो तक स्वतंत्रता आंदोलन के लिए संघर्ष किया और भारतीय संविधान का निर्माण किया। बाबा साहेब का अन्य लोगों से मतभेद देश के लिए सार्थक और अत्यंत हितकारी रहा है। अवसर की समानता का अधिकार अत्यंत महत्वपुर्ण है यह संविधान के मूल अधिकारों में है। जिसे बाबा साहब ने हमें प्रदान किया। उन्होने कहा महापुरूषों को हमें बांटना नहीं चाहिए, समाज के सभी वर्ग के लोगों को मिलकर हमें महापुरूषों की जयंती मनाना चाहिए, तभी भारतीय संस्कृति के गौरव और गरिमा की रक्षा कर सकतें हैं।
बैतूल कलेक्टर राकेश मिश्रा ने कहा बाबा साहब भारतीय सविंधान के निर्माता के अलावा सारी भारतीय जनता के मूल्यों एवं हितों के रक्षक थे, वे हर वर्ग के विकास के हिमायती थे। बैतूल पुलिस अधीक्षक श्री शाक्यवार ने कहा की सभी बच्चों में प्रतिभा होती है, उनकी प्रतिभा में हमें निखार लाना है, माता पिता से बढकर बच्चों का कोई शिक्षक नहीं होता है। बाबा साहेब भी समान अवसर के पक्षधर थे। प्राचार्य डॉ सुभाष लव्हाले ने महाविद्यालय की अकादमिक एवं विकासत्मक गतिविधियों की जानकारी श्री कंसोटिया को दी। उन्होने वेदांग, टेक्नोफेम, जेएच ई न्युज के तीनों अंको की प्रतियां एवं स्मृति चिन्ह श्री कंसोटियों को भेंट की। इसके अलावा डॉ धमेन्द्र, डॉ खेमराज मगरदे, डॉ एसबी हसन ने भी बाबा साहब के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। डॉ सुखदेव डोंगरें,प्रो बलिराम खातरकर, डॉ अनिता सोनी, डॉ आभा वर्मा, डॉ आरके जोशी ने श्री कंसोटिया,कलेक्टर एवं एसपी महोदय का स्वागत कर जेएच ई न्युज की तृतीय अंक की प्रति को भेंट की। इस अवसर पर प्रमुख रूप से महाविद्यालय के आभा वर्मा, हेमंत वर्मा, मीना डोनीवाल, आरजी वर्मा, डॉ गोपाल साहू, डॉ अलका पांडे, डॉ अर्चना सोनारे सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक,कर्मचारी एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।