चिचोली…विकास खण्ड की महत्वपुर्ण ग्राम पंचायत हरदू में मांके दरबार में आदिवासी समाज की कुलदेवी मां झुलेवाली के मंदिर प्रांगण 27 अपै्रल को गोंडी कोया पुनेम कोयावंसी साहित्य पुराण कथा का आयोजन में श्री रतनदास जी महाराज धुनीवालें के शिष्य रामगढ जिला छिंदवाडा के धर्माचार्य तिरू. रामभरोसजी शाह सरयाम नें अपनें मुखारबिंद से कहा कि अपनी संस्क्रति के अनुसार इस मनुष्य जीवन में तीन काल होते है पहला
जन्म काल दुसरा विवाहकाल तीसरा मरण काल जैसा कि बालपन.जवानी बुढापा है अपनें गोंडी समाज के पूर्वज लिंगो बाबा ने इस कथा में लिखा है क्योकी जब किसी के घर में कोई संतान पैदा होती है तो जन्मकाल में होता है और उसको पढा लिखाकर उसकी शादी विवाह करतें है तो उसका विवाहकाल होता बुढा हो जाता है तो तीसरा मरणकाल रहता है
हमारी आदीवासी परमंपरा में हर काल में अलग अलग रिती रिवाज के गोंडी धर्म के काम है जिन्हें करना चाहियें जिनकी अलग अलग प्रथायें बनाई गई है जिन्हें गोंडी धर्म की प्रथा को रिती रिवाज से करना चाहियें अपनी गोंडी परमपरा को नही भूलना चाहियें इसे जिवित रखनें के लिये अपनें को सभी जाति समाज धर्म के लोगों को बताना होंगा क्योंकि अपन की ही जल जंगल जमीन है अपनें ही पुर्वज जन्मजात से जंगल में पहाडों पर रहतें है गोंडी भागवत पुराण को सुननें के लियें आसपास के क्षेत्रों से आदिवासी समाज के लोग भारी संख्या में पहंुचकर भागवत कथा का आनंद ले रहे हैं इसमें प्रतिदिन गोंडी रिती रिवाज सें हवन पुजन नारीयल खरीख निबू चावल पान प्रसादी नवरंग का मेवा पकवान सें विशेष पुजा अर्चना कर गांेडी भागवत कथा साहित्य पुराण का भव्य आयोजन किया जा रहा हैं।