बैतूल। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता संघ के तत्वाधान में रविवार को जीवन सुरभी कार्यालय, महिला कॉपरेटिव बैंक के पास कोठी बाजार में एक बैठक प्रांतीय अध्यक्ष सुनीता राजपाल की अध्यक्षता में संपन्न। बैठक में अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन नई दिल्ली के वरिष्ठ उपप्रांत अध्यक्ष व बैतूल जिले के प्रभारी राजाराम सूर्यवंशी एवं संघ के संरक्षक कुंदल राजपाल विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर राजाराम सूर्यवंशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाओं के साथ जो शोषण और भ्रष्टाचार विभाग के द्वारा किया जा रहा है जिसके विरूद्ध एकजुट व संघर्ष के लिए तैयार रहें तथा हमारा संगठन आप लोगों की जायज मांगों के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर दमदारी के साथ रखने का कार्य करेगा। प्रांतीय महासचिव सुनीता तिवारी ने बैठक में बताया कि हमारे द्वारा अनेकों बार धरना प्रदर्शन आदि के बावजूद भी शासन हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है, वहीं हमारे प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय को दुगना किया गया है, तथा महाराष्ट्र सरकार द्वारा आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं की एकमुश्त पेंशन की घोषणा , कार्यकर्ताओं को 20 वर्ष की सेवा उपरंात 2 लाख रूपये तथा इससे अधिक अवधि के लिए प्रतिवर्ष 5 हजार रूपये, साहयिकाओं के 20 वर्ष की सेवा उपरंात 1.50 लाख रूपये तथा इससे अधिक अवधि के लिए प्रतिवर्ष 3,750 रूपये, प्रतिवर्ष देने की घोषणा की है। परन्तु मप्र सरकार द्वारा अभी तक हमारे कार्यो का उचित मूल्यांकन नहीं किया गया है।
हम लोगों के मानदेय आदि अन्य सुनिवाओं का कोई प्रायोजन नहीं किया गया है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों, अधिकारियों व विधायकों के वेतन में लगातार वृद्धि की जा रही है। बैठक में इस भेदभाव के खिलाफ आगामी दिनों में शंखनाद की धोषणा की गई। यह आंदोलन प्रांतव्यापी आंगनवाड़ी सहायिका एकता संघ व आंगनवाड़ी सहायिका एकता यूनियन के संयुक्त तत्वाधान में किया जाएगा। जिसके तहत 1 जून से 9 जून तक परियोजना स्तर पर, 15 जून को जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगले चरण में 10 जुलाई को प्रदेश की आंगनवाड़ी सहायिकाएं काला दिवस मनाते हुए भोपाल में प्रदर्शन कर काले झंडे दिखाएंगी। संघ ने जिले की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। संरक्षक कुदन राजपाल ने बताया कि शासन ने आईसीडीएस मिशन के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की सेवा निवृत्ति की उम्र 65 वर्ष की गई है। किसी कार्यकत्र्ताओं को निकाला जाता है तो वो संघ से संपर्क कर सकता है। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं का नियमितकरण शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने, व्यापम द्वारा सुपरवाईजर के पद पर ली जाने वाली परीक्षा को रद्द कराने व आंगनवाड़ी कार्यकताओं सीधे पदोन्नत किए जाने, सेवा निवृत्त की उम्र 65 किए जाने, पेंशन सुविधा लागु किए जाने, ग्रीष्म कालीन 2 माह का अवकाश मिलने तथा गत वर्ष 2012 संसद की एक समिति द्वारा आसमान छूती मंहगाई के दौर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि किए जाने के साथ-साथ प्रतिवर्ष मंहगाई भत्ता वेतन वृद्धि जैसे लाभों को जोडक़र देने की की गई सिफारिश को गत मानसून सत्र में पेश रिपोर्ट को शीघ्र लागु करने की मांग को लेकर जल्द ही हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने, साथ ही पिछले 3 वर्षो से परियोजना एवं सेक्टर बैठकों का टीएडीए नहीं देने व महिला बाल विकास के पदाधिकारियों व अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बार-बार नौकरी से निकाल देने की धमकी देते हुए प्रताडि़त किए जाने तथा संघ की सदस्यता अभियान पर चर्चा एवं अन्य मांगों पर चर्चा की गई।