जिले में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम हेतु 10 एवं 11 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा 12 नगर, ग्रामों के मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया। सर्वेलेंस के दौरान बुखार रोगियों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की गई। साथ ही जलसंग्रहों का निरीक्षण कर लार्वा नष्ट करवाया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 एवं 11 नवंबर को बैतूल शहरी क्षेत्र में 3 वार्डों के 535 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 31 बुखार रोगियों की रक्तपट्टियां बनायी गई, 1338 जलसंग्रहों को देखा गया। मंगारा (आमला) के 92 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 28 रक्त पट्टी बनायी गई, 28 पेराचेक किये गये जिसमें 2 पीएफ पाये गये, जिन्हें उपचारित किया गया। ग्राम में पूर्ण प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी है, 252 जल संग्रह देखे गये। मुलताई के 2316 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 68 रक्त पट्टी बनायी गई, 59 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये एवं 5767 जल संग्रह देखे गये। सारणी शहरी क्षेत्र के 18 वार्डों के 2998 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 105 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनायी गई, 6556 जल संग्रह देखे गये। बैतूल शहरी क्षेत्र के 3 वार्डों के 439 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 11 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनायी गई, 10 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये, 1262 जल संग्रह देखे गये। बैतूल बाजार (सेहरा) के 103 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 136 जल संग्रह देखे गए।
बांसपानी (सेहरा) के 65 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 4 रक्त पट्टी बनायी गई, 4 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये, 170 जल संग्रह देखे गये। लापाझिरी (सेहरा) के 47 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 8 रक्त पट्टी बनायी गई, 156 जल संग्रह देखे गये। सारणी शहरी क्षेत्र के 16 वार्डों के 2622 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 63 रक्त पट्टी बनायी गई, 6244 जल संग्रह देखे गये। बैतूलबाजार (सेहरा) के 103 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 136 जल संग्रह देखे गये। सोमगढ़ (प्रभातपट्टन) के 75 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 52 रक्त पट्टी बनायी गई, 136 जल संग्रह देखे गये। बघोड़ा (प्रभातपट्टन) के 75 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 52 रक्त पट्टी बनाई गई, 136 जल संग्रह देखे गये।
सभी स्थानों पर प्रचार-प्रसार कर डेंगू से बचाव की जानकारी दी गई। सर्वेलेंस में जिन जल संग्रहों में लार्वा पाया गया, उसे नष्ट किया गया। साथ ही लोगों को जलसंग्रह स्थल स्वच्छ रखने तथा मच्छरों से बचाव की सलाह भी दी गई।
समा. क्रमांक/45/929/11/2012