बैतूल। राष्ट्रीय सेवा योजना जेएच कॉलेज पुरूष ईकाइ एवं सामाजिक न्याय विभाग बैतूल के संयुक्त तत्वाधान में 1 जून शनिवार को ग्राम जामठी, साकादेही, कल्याणपुर टेकड़ा, गोची, सिल्लोट,सतपुड़ा उद्यौगिक प्रशिक्षण केन्द्र आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी मनोज पवांर एवं फीटर टे्रड के समस्त छात्रों को में जाकर ग्रामीणों को तम्बाकू से होने वाली हानियां एवं उससे बचने के उपाये बताय व साहित्य वितरित किया। प्राचार्य सुभाष लव्हाले के निर्देशनुसार उक्त सभी ग्रामों में घूम-घूम कर ग्रामीणों को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर ग्रामीणों को तम्बाकू के नुकसान बताते हुए रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ जीपी साहू ने बताया इसमें कोई संदेह की गुंजाइश नहीं, तम्बाकू का प्रयोग करने वालों को शरीर के कई अंगो में कैंसर होने की संभावनाएं रहती हैं, जैसे कि-मुँह,गला,फेफड़े,लेरिंक्स (जिस स्थान से आवाज निकलती है- वोइस बॉक्स), भोजन नली,मूत्राशय, गुर्दे, पेन्क्रियाज, गर्भाशय का मुँह (सर्विक्स) रक्त की नलिकाओं में थक्के जम जाने की प्रक्रिया जिसे कि एथरोस्कलेरोसिस कहते हैं। तम्बाकू के कारण बढ़ जाती हैं और इसकी वजह से नलिका में वसा (चर्बी) जमा होती हैं और खून के दौरे में कठिनाइयाँ पैदा होती है। खून का दौरा ठीक प्रकार न होने के कारण ही दिल का दौरा (हार्ट एटैक), लकवा (आघात/स्ट्रोक) व पेरीफ्रल वेस्क्यूलर डीजीज जिसमें की खून की धमनियाँ फूल कर फट जाती है, इस प्रकार के रोग शरीर में पनपते हैं। जितनी छोटी आयु में आप धूम्रपान शुरू करते हैं उतना ही रोगों का खतरा अधिक होता है। अधेड उम्र के धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में विशेषकर यदि धूम्रपान किशोरावस्था में शुरु कर दिया हो तो ये खतरा यानि हार्टअटैक का खतरा 4-6 गुना अधिक बढ जाता है।
तम्बाकू से प्रजनन तंत्र की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है जैसे की पुरुषों में नपुंसकता का होना धूम्रपान से जुडा हो सकता है। पुरुषों के शुक्राणु असामान्य होने के साथ-साथ संख्या में भी कम होते जाते हैं, यदि पुरुषों धूम्रपान करता है। महिलाओं में धूम्रपान के कारण प्रजनन क्षमता कम होती रहती है और वे बांझपन का शिकार भी हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं के बच्चे मृत पैदा हो सकते हैं या अचानक से एबोरशन (गर्भपात) भी हो सकता है और देखा गया है कि ऐसी महिलाओं के बच्चे समय से पहले व कम वजन वाले पैदा होते हैं।
समाजसेवी तुलसी साहू ने ग्रामीणों को बताया कि तम्बाकू से आँख संबंधी समस्याएं होती है जैसे कि धूम्रपान करने वालों में केटैरक्ट (मोतियाबिंद) के होने का खतरा अधिक रहता है। आँखों का रेटीना जो कि आँख के पीछे का एक पर्दा होता है और देखने में हमारी मदद करता है वो पर्दा धीरे-धीरे खराब होने लगतो है। जिसकी वजह से देखने में परेशानी होने से लेकर आँखों में अंधापन तक हो सकता है। धूम्रपान करने के कारण ये अन्य लक्षण भी हो सकते हैं-साँस में दुर्गंध, बालों, कपड़ों व हाथों से दुर्गंध,दातों व उंगलियों में भूरे पीले धब्बे,चेहरे में, मुँह व आँखों के पास झुर्रियाँ आदि। कई वर्षों से तम्बाकू के कारण होने वाले खतरों के बारे में जानकारी हो चुकी है और प्रत्येक वर्ष अन्य खतरे इस सूची में जुडते जा रहे हैं। केवल सिगरेट ही नहीं अपितु किसी भी रूप में तम्बाकू का धुआं खतरनाक है, बीड़ी, सिगरेट से और भी खतरनाक व घातक साबित हो रही है जिसे लोटार सिगरेट कहा जाता है।