बैतूल. सापना जलाशय की वन सी वन नहर की भूमि केे स्वामित्व की स्थिति जल संसाधन विभाग आज भी स्पष्ट नहीं कर पाया है.इस समस्या के यथावत रहने के कारण सापना जलाशय की नहरों से पूर्व में निर्धारित की गई तिथि 15 नवंबर को पानी नही छोड़ा जा सकेगा.जलाशय की चारों जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्षों की आकस्मिक बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया और कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को अपने निर्णय से संबंधित पत्र सौंप दिया था.कार्यपालन यंत्री के द्वारा यह भरोसा दिलाया गया था कि वे 14 नवंबर को इस समस्या का स्थाई निदान कर देंगे लेकिन आज सुबह से लेकर शाम तक विभाग कोई भी निर्णय नहीं ले पाया.जल उपभोक्ता संथा बडोरा के अध्यक्ष चितरंजन सरले,भरकावाड़ी के अध्यक्ष महेश्वरसिंह चंदेल,बैतूलबाजार के अध्यक्ष विवेक वर्मा और सोहागपुर के अध्यक्ष सतीष वर्मा ने बताया कि जमीन के स्वामित्व को लेकर उपजे विवाद को हल करने में विभाग के द्वारा की जा रही देरी से किसानों को समय पर पलेवा करने के लिये पानी नहीं मिल पाएगा.यदि समस्या बरकरार रहती है तो समूचे कमांड क्षेत्र में ऐसी समस्या का सामना संथा के अध्यक्षों और संचालकों को करना पड़ेगा.
उल्लेखनीय है कि जल उपभोक्ता संथा बडोरा के अध्यक्ष द्वारा विभाग के मार्गदर्शन में की गई नहर की सफाई से नाराज दो किसानों के द्वारा नहर की भूमि को स्वयं के स्वामित्व की बताते हुए अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस में शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया है जिससे सभी अध्यक्ष और संचालकगण स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.विभाग के द्वारा जब तक नहर की भूमि के स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती है तब तक नहर से पानी नहीं जा पावेगा और किसानों के बीच विवाद की नौबत आ जावेगी.इसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पूर्व मेें निर्धारित की गई तिथि को नहर नहीं छोड़ी जावे.यदि विभाग और प्रशासन इसके पूर्व में ही नहर की भूमि के स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट करते हुए भूमि को कब्जे से मुक्त करा देता है तो ही नहर पूर्व निर्धारित तिथि को छोड़ी जावेगी.आज दिन भर इंतजार के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे नहर नहीं खोली जावेगी.
इनका कहना है
कार्यपालन यंत्री के अन्य कार्य में व्यस्त होने के कारण आज वन सी वन नहर की भूमि के स्वामित्व को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है.उनके मौजूद होने पर ही कोई कदम उठाया जावेगा.नहर न छोडऩे का निर्णय संथा अध्यक्षों के द्वारा लिया गया है जिसके लिये वे पूरी तरह स्वतंत्र हैं.
दीपक भार्गव,उपयंत्री,सापना जलाशय
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कार्यपालन यंत्री के द्वारा भरोसा दिलाया गया है कि समस्या का स्थाई निदान कर दिया जावेगा,जब निदान निकल जावेगा तब नहर में पानी छोड़ा जाएगा.
चितरंजन सरले,अध्यक्ष जल उपभोक्ता संथा बडोरा.