बैतूल। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के जिला सचिव सोहबतलाल आहके ने जिला कलेक्टर को घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत रानीपुर ग्राम पंचायत के रानीपुर हल्के में पदस्थ पटवारी गंगाधर धोटे के विरूद्ध एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित किया है। पत्र में सोहबतलाल आहके ने निवेदन किया है कि श्री गंगाधर धोटे की कार्यशैली एवं कार्यप्रणाली से इस क्षेत्र के ग्रामीण कृषक एवं आदिवासी अत्यंत रूष्ट एवं त्रस्त है तथा उक्त पटवारी के विरूद्ध जन आक्रोश विद्यमान है। बताया जाता है कि छोटे-छोटे कार्यो के लिए पटवारी महोदय कृषकों से चक्कर लगवाते हैं तथा अनुचित मांग भी करते है। कृषकों के खसरों में फसल संबंधी विवरण नहीं चढाये जाने से कृषकों को बैंक के चक्कर लगाने पढ रहें हैं, क्योंकि बैंक फसलों के आधार पर ही ऋण देते हैं, कृषकों को बैंक के.सी.सी में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
तहसीलदास महोदय से शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। रानीपुर क्षेत्र के रहवासी आदिवासियों की शिकायत है कि लोहारढाना के आदिवासियों के आने-जाने वाला मार्ग को खेत मालिक से मिलकर पटवारी द्वारा अवरूद्ध करा दिया गया है। उक्त अतिक्रमण की गई कृषको की खेती की नपाई कर जो शेष भूमि हो उसे आदिवासी को आवंटित की जाए।
यही नहीं अपितु प्रेमचंद वल्द शंकर साहू के खेत की जमीन को नदी तक बढवा दिया है जो कि अवैध है,इसी प्रकार विगत एक माह पूर्व इमरत साहू से सांठ-गांग कर उसकी जमीन को उत्खनन का प्रतिबंध रहते हुए जेसीबी चलवा कर आधी नदी तक बढवा दिया जो अवैध है। इसी स्थान से लोहारढाना रानीपुर के आदिवासी एवं कृषकों का गांव एवं खेत में आना-जाना है, तथा खेती किसानी संबंधी कार्य ट्रक्टरों का आवागमन भी इसी मार्ग से होता है। कथित रूप से पटवारीजी कि मिलीभगत बताया गया है। पटवारी से सांठ-गांठ कर अपनी जमीन का क्षेत्रफल बढ़ा दिया गया है जो कि अवैध है तथा ग्राम कोटवार की भूमि को भी नदी तक बढा दिया गया है। इस प्रकार पटवारी जी अतिक्रमण करवा रहें हैं। तथाकथित तौर पर अनुचित लाभ प्राप्त करने की शिकायते हैं।
पटवारी द्वारा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में टाल-मटोल, लेट लतीफी एवं आदिवासी कृषकों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल पाने में विपुलता एवं कर्तव्य के प्रति लापरवाही से क्षेत्र के कृषक आदिवासी उक्त पटवारी को शीघ्र अन्यत्र भेजने एवं नए पटवारी की नियुक्ति इस क्षेत्र में करने की मांग कर रहें हैं। इसके साथ ही जब धोटे पटवारी नौकरी में आये थे तब वह क्या थे इनके के पास चल-अचल संपत्ति क्या थी? और वर्तमान में चल-अचल संपत्ति क्या है? इसकी जांच सी.बी.आई, सी.आई.डी. एवं लोकायुक्त से की जावे जांच की जाने पर अनेकों चौकाने वाले तथ्यों की उजागरी संभावित प्रतीत होती है। पटवारी को अन्यत्र हटाकर शीघ्र त्वरित जांच कार्यवाही कर दंडात्मक कार्यवाही की जाने की कृपा की जाए। शिकायती पत्र के अंत में उक्त पटवारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है। श्री आहके ने पत्र के अंत में चेतावनी दी है कि भ्रष्ट पटवारी को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया गया तो हमें धरना, आंदोलन एवं उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा