बैतूल। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता संघ प्रदेश अध्यक्ष सुनीता राजपाल ने आरोप लगाया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में 1000 रूपये एवं सहायिकाओं के मानदेय में मात्र 500 रूपये वृद्धि की घोषणा मात्र एक छलावा है एवं यह मुख्यमंत्री की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। श्रीमति राजपाल ने बताया कि संघ के द्वारा न्युनतम वेतन 10 हजार की मांग की गई थी, लेकिन इस इस भीषण मंहगाई के दौर में यह वृद्धि अपर्याप्त है। इस प्रकार अनेक केन्द्र सरकार की घोषणाओं को प्रदेश सरकार अभी तक अमल में नहीं ला पा रही है जिसमें आगंनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए जनश्री बीमा योजना 2004 से संचालित है जिसे प्रदेश में लागू नहीं किया गया है, वर्दी भत्ता 400 रूपये से बढाकर 600 रूपये किए है वह भी अप्राप्त है, आगंनवाड़ी केन्द्रो के भवन किराया की भी वृद्धि को भी राज्य सरकार प्रदेश में लागू नहीं कर रही है, शासन के पत्र के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानसेवी कहकर उनकी मांगों को दरकिनार किया जाता रहा है जबकि देश के अन्य राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को अनेक सुविधाएं प्राप्त हैं जिसमें कुछ माह पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने एक मुश्त पेंशन योजना लागु की गई है तथा कई राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए कल्याण कोष की भी स्थापना की गई है,तथा ग्रीष्म कालीन अवकाश भी प्राप्त है, इसके अतिरिक्त मप्र की तुलना में उनका मानदेय कहीं अधिक है। श्रीमति राजपाल ने बताया कि बैतूल जिले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा मातृ सहयोगिनी समिति द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण किया गया जिसकी अनेकों कार्यकर्ताओं की राशि बड़ी मात्रा में अप्राप्त है, जिसे प्रशासन व शासन देने में आना-कानी करते हुए कोई शेष भुगतान नहीं होना बताते हैं जो सरासर अनुचित है। भैंसदेही में पूर्व में पदस्थ एसडीएम केएस सेन के विरूद्ध भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से छोटी से गलती पर उन्हे सेवा से बर्खास्त कर दिया जाता है। इस प्रकार से प्रदेश की सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए असंवेदनशील नजर आ रही है। जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार को भुगतना पड़ेगा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ जिले में मुख्यमंत्री की जनआर्शिवाद यात्रा का पुरजोर विरोध करेगा।