जिले में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम हेतु 12, 14 एवं 15 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा नगरीय क्षेत्र के विभिन्न वार्डों एवं ग्रामों के मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया। सर्वेलेंस के दौरान बुखार रोगियों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की गई। साथ ही जलसंग्रहों का निरीक्षण कर लार्वा नष्ट करवाया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 नवंबर को बैतूल शहरी क्षेत्र में 7 वार्डों के 850 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 25 बुखार रोगियों की रक्तपट्टियां बनायी गई, 3748 जलसंग्रहों को देखा गया। प्रभातपट्टन के 1514 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 67 रक्त पट्टी बनायी गई, 1534 जल संग्रह देखे गये। इसी प्रकार 14 नवंबर को बैतूल शहरी क्षेत्र के 3 वार्डों के 256 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 10 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 10 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये एवं 928 जल संग्रह देखे गये। ढुटमुर (आमला) के 97 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 50 रक्त पट्टी बनायी गई, 150 जल संग्रह देखे गये।
इसी प्रकार 15 नवंबर को बैतूल शहरी क्षेत्र के विनोबा वार्ड के 118 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 5 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 5 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये एवं 447 जलसंग्रहों को देखा गया। प्रताप वार्ड के 116 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 5 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 5 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये एवं 237 जलसंग्रहों को देखा गया। जाकिर हुसैन वार्ड के 230 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 2 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 2 पेराचेक किये गये जो सभी नकारात्मक पाये गये एवं 230 जलसंग्रहों को देखा गया। इन्दिरा वार्ड के 222 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया एवं 720 जलसंग्रहों को देखा गया। रामनगर वार्ड के 370 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 2 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई एवं 739 जलसंग्रहों को देखा गया।
प्रभातपट्टन के 1542 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 97 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई एवं 1256 जलसंग्रहों को देखा गया। बोरदेही (आमला) के 50 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 10 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 120 जल संग्रह पाये गये। आठनेर के 18 ग्रामों के 896 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 45 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 1105 जल संग्रह देखे गये। सभी स्थानों पर प्रचार-प्रसार कर डेंगू से बचाव की जानकारी दी गई। सर्वेलेंस में जिन जल संग्रहों में लार्वा पाया गया, उसे नष्ट किया गया। साथ ही लोगों को जलसंग्रह स्थल स्वच्छ रखने तथा मच्छरों से बचाव की सलाह भी दी गई।
समा. क्रमांक/49/934/11/2012