बैतूल। भगवान के जन्म पर नंद बाबा यशोदा ने लाखों गहने व हीरे बांटे, क्योंकि जितना बांटा जाता है उतना अधिक बचता है, जो बांटा जाता है वह प्रसाद है जो बटोरता है वह विषाद है।
आजकल भगवान के प्रति श्रद्धा भावना कम व दिखावा ज्यादा हो गया है, बड़ा दिखलाने की होड़ में श्रंगार साज, सज्जा पर पानी की तरह पैसा बहाया जाता है, प्रसाद के नाम पर भोज का आयोजन होता है, इससे अच्छा होता किसी परमार्थ में उपयोग किया जाता। उक्त उद्गार ग्रीन सिटी फिल्टर प्लांट के पास विवेकानंद वार्ड में 6 अक्टुबर रविवार से 13 अक्टुबर रविवार तक चलने वाली श्री मद भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान पंडित सुखदेव शर्मा ने व्यक्त किये। श्री शर्मा ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण प्रगट उत्सव का बाल लीला वर्णन में बताया कि श्री कृष्ण योगी थे, हम योगी नहीं बन सकते हैं तो उपयोगी अवश्य बने। भगवान तो केवल भाव के भूखे होते हैं आडम्बर के नहीं, ब्रम्हा में विष्णु नहीं समां सकते, विष्णु में महेश नहीं समा सकते लेकिन दुनिया में मां एक ऐसा तत्व है जिसमें ब्रम्हा, विष्णु, महेश तीनों हैं, मां के आंचल में संसार की सारी खुशिया है, संसार की सुंदरता मां की सुंदरता के सामने तुच्छ है, आज बेटे मां पिता को छोडक़र मंदिर की तरफ दौड़ रहें हैं, माता पिता की सेवा संतान का धर्म। कथा में सहयोगी पंडित दिनशे शर्मा व संगीत में मुकेश साहू, दिनेश नागले आदि भागवत टीम है । आयोजक यशोदा तिवारी ने इस पुनीत धार्मिक अनुष्ठान में सभी से सहपरिवार पधारकर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।