जिले में डेंगू/मलेरिया की रोकथाम हेतु 16, 17 एवं 18 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों के मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया। सर्वेलेंस के दौरान बुखार रोगियों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की गई। साथ ही जलसंग्रहों का निरीक्षण कर लार्वा नष्ट करवाया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 नवंबर को भीमपुर शहरी क्षेत्र में 89 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 4 बुखार रोगियों की रक्तपट्टियां बनायी गई, 267 जलसंग्रहों को देखा गया। लक्कडज़ाम (भीमपुर) के 61 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 106 जल संग्रह देखे गये। काजली (भीमपुर) के 68 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 4 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 130 जल संग्रह देखे गये। इटावा (आमला) के 78 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 4 रक्त पट्टी बनायी गई, 22 जल संग्रह देखे गये। बांसखापा (आमला) के 62 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 4 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई, 118 जलसंग्रहों को देखा गया। डेहरी (आमला) के 124 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 10 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 119 जलसंग्रहों को देखा गया। बागरबोह (आमला) के 25 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 3 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 40 जलसंग्रहों को देखा गया। ढुटमुर (आमला) के 78 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया, जिसमें 12 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 135 जलसंग्रहों को देखा गया। ब्राह्मणवाड़ा (आमला) के 40 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 13 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 130 जलसंग्रहों को देखा गया। हरदौली (आमला) के 20 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 6 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 140 जलसंग्रहों को देखा गया। केकडिय़ा (आमला) के 47 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, 3 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 128 जल संग्रह पाये गये। बैतूल के प्रताप वार्ड के 146 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 7 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 479 जल संग्रह देखे गये।
राजेन्द्र वार्ड के 93 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 2 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 210 जलसंग्रहों को देखा गया। जवाहर वार्ड के 102 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 182 जलसंग्रहों को देखा गया। वहीं बघोड़ा (प्रभातपट्टन) के 113 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 26 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 217 जल संग्रहों को देखा गया। शाहपुर के 1407 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 272 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 1110 जल संग्रहों को देखा गया। घोड़ाडोंगरी के 1382 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 64 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 983 जल संग्रहों को देखा गया। इसी प्रकार 17 नवंबर को शाहपुर के 397 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 87 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 190 जल संग्रहों को देखा गया। घोड़ाडोंगरी के 243 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 20 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 4821 जल संग्रहों को देखा गया। इसी प्रकार 18 नवंबर को आमला क्षेत्र के 5 वार्डों के 2170 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 50 बुखार रोगियों की रक्त पट्टी बनाई गई एवं 4322 जल संग्रहों को देखा गया।
बैतूल शहरी क्षेत्र के 20 वार्डों के 3108 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 35 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 9532 जल संग्रहों को देखा गया। मुलताई के 881 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 23 रक्त पट्टी बनाई गई एवं 1969 जल संग्रहों को देखा गया। घोड़ाडोंगरी के 2090 मकानों में सर्वेलेंस कार्य किया गया, जिसमें 53 रक्त पट्टी बनाई गई, 2 पीएफ पाजीटिव पाये गये, जिनका मौलिक उपचार किया गया तथा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी है एवं 4821 जल संग्रहों को देखा गया। सभी स्थानों पर प्रचार-प्रसार कर डेंगू से बचाव की जानकारी दी गई। सर्वेलेंस में जिन जल संग्रहों में लार्वा पाया गया, उसे नष्ट किया गया। साथ ही लोगों को जलसंग्रह स्थल स्वच्छ रखने तथा मच्छरों से बचाव की सलाह भी दी गई।
समा. क्रमांक/54/939/11/2012