मुआवजा मिला नहीं, बीज की कीमत बढ़ा दी:गायकवाड़
बैतूल । प्रमाणित सोयाबीन बीज की दर 6600 रूपये प्रति क्विंटल घोषित की है जबकि पिछले वर्ष 4960 रूपये यही बीज दिया गया था तथा अनुदान पर पिछले वर्ष की अपेक्षा 100 रूपये कम किया गया। राज्य सरकार यह भी बतला रही है कि अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन बीज की कमी है। जिले में प्रत्येक किसान को जितना बीज बोया था, उतनी भी पैदावार जिले के किसी किसान को नहीं मिली जो पैदावार मिली वह भी बोने के लायक नहीं है। इस समस्याआ को लेकर जिला कांगे्रस कमेटी बैतूल किसान एवं खेत मजदूर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रमेश गायकवाड़ के नेतृत्व में राज्यपाल महोदय के नाम से जिला कलेक्टर बैतूल राजेश प्रसाद मिश्र को एक ज्ञापन सौंपा गया। श्री गायकवाड़ ने बताया कि राज्य सरकार को यह भी मालूम है कि किसानों के पास बीज बिल्कुल नहीं है उसके बाद भी अतिवृष्टि से खराब हुई खरीब की फसल का मुआवजा बैतूल जिले के प्रत्येक किसान को नहीं मिला, गेंहू में ओलावृष्टि से हुई क्षति को राज्य सरकार 50 प्रतिशत नुकसान को 100 प्रतिशत मानकर मुआवजा देने वाली थी। किन्तु जिन किसानों का शतप्रतिशत नुकसान हो गया उन किसानों को भी मुआवजा अभी तक नहीं दे पाई। राज्य सरकार ने फसल सर्वे के समय भेदभावपूर्वक खरीब और रबी का सर्वे कराया जिसके कारण जिले के प्रत्येक किसान को इसका लाभ नहीं मिला। जिन किसानों द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि ऋण लिया उन किसानों से अनिवार्य रूप से खरीब और रबी दोनो फसलों की बीमा राशि वसूल की गई है किन्तु बीमा उन किसानों को नहीं मिल पाया जो कि उनका पूर्ण हम अधिकार बनता है। जिले का प्रत्येक किसान इस प्राकृतिक आपदा के कारण कर्ज के बोझ में फंसा हुआ है। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली किन्तु यह सरकार किसानों के साथ न्यायसंगत व्यवहार नहीं कर पा रह है। मंडी में सोयाबीन के रेट वर्ष भर में 4000-4500 के उपर नहीं रहे। इसके बावजूद भी सोयाबीन बीज के रेट सरकार मनमाने ढंग से बढ़ा रही है। गांव से लेकर दिल्ली तक एकतरफा भाजपा को समर्थन मिलने के बाद भी वचनबद्ध सरकार रेट कम करने के बजाय बढ़ा रही है। उपर से किसानों को सांत्वना दे रही है कि अच्छे दिन आने वाले है और मंहगाई कम करेंगे। राज्यपाल से ज्ञापन में मांग की गई है कि इस किसान विरोधी सरकार को मंहगाई कम करने के लिए सचेत करे।