खानपान के परहेज से ही आधाी बीमारी खत्म हो जाती है:आचार्य शनकुशल गुरूजी
बैतूल । आयुर्वेद अंतर्गत ही आर्थराईटिज का संपूर्ण इलाज संभव है, मनुष्य को अपने शरीर संरचना एवं अपने आचार, व्यवहार को समझते हुए रोग को समझने चाहिए, खान पान में परहेज करने से ही आधी बीमारी खत्म हो जाती है एवं आर्थराइटिज रोग में योग की भूमिका अहम है। उक्त उद्गार अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त आचार्य वैज्ञानिक हुकमचंद शनकुशल गुरूजी ने भारतीय योग अनुसंधान केन्द्र भोपाल के मार्गदर्शन में वैद्यम अनुसंधान एवं जनकल्याण संस्थान एवं वैद्यम फार्मा के तत्वाधान में दो दिवसीय आर्थराइटिस नि:शुल्क शिविर का श्री प्रेम आयुर्वेदिक पंचकर्म चिकित्सालय बैतूल में शुभारंभ के दौरान व्यक्त किये। श्री अवसर पर अशोक वैद्य द्वारा आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए योग प्रदर्शन किया वहीं आचार्य गुरूजी के 12 वर्षीय सुपुत्र भीमाशंकर द्वारा भी योग प्रदर्शन किया गया। डॉ वैभव वैद्य एवं डॉ विभूमि वैद्य ने आयुर्वेद की बारीकियों से उपस्थितजनों को अवगत कराते हुए कहा कि जिनकों भी जोड़ों में दर्द की शिकायत है उन्हें वात की समस्या हो सकती है, ऐसे लोग शिविर में आकर अपना परिक्षण करवा सकते हैं। कार्यक्रम समन्वयक एमजे खान ने बताया कि इस दो दिवसीय शिविर में अब तक लगभग 210 पंजीयन हो चुके हैं। इस अवसर पर डीएफओ एएस तिवारी ने कहा कि आयुर्वेद को आत्मसात करने से ही समस्या का निराकरण होगा, वहीं उन्होने गुरूजी के बैतूल आगमन को उपलब्धि बताया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक विनोद डागा,वरिष्ठ अधिवक्ता आरके गर्ग,ब्रजमोहन पांडे,आलोक चौधरी, निखिल पटेल, विक्रम वैद्य, रईस खान, तुषार कुमार, ऋषभ यादव, मनीष सरले, शशीकांत पाल, नवीन मेहरनवार आदि उपस्थित थे। इस शिविर का समापन आज रविवार को होगा। कार्यक्रम का संचालन एमजे खान द्वारा एवं आभार दीपिका चौहान द्वारा व्यक्त किया गया।