यही एक पेशा है जहां दवा और दुआ का अनोखा संगम देखने को मिलता है
बैतूल । डाक्टर्स डे के अवसर पर जिला चिकित्सालय बैतूल में हैहय क्षत्रीय कलचुरी समाज एवं तनुश्री वेलफेयर एडं एज्युकेशन सोसायटी बैतूल के संयुक्त तत्वाधान में जिला चिकित्सालय में पदस्थ समस्त डाक्टरों की आरती उतारकर, तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर, शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। सम्मान कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिविल सर्जन डॉ डब्ल्यु ए नागले, डॉ बसंत श्रीवास्तव, डॉ एके पांडे, डॉ अशोक बारंगा, डॉ दिपेश बुलबाकें, डॉ ज्योति धुर्वे, डॉ कीर्तिश्वर सोलंकी, डॉ रश्मि कुमरा, डॉ चौरिया उपस्थित थे। इस अवसर पर कलचुरी समाज के सचिव नेमीचंद मालवीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ बिधान चन्द्र रॉय को याद किया जाता है. बिधान चन्द्र रॉय एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ एक अच्छे डॉक्टर भी थे। विधान चन्द्र जी ने अपना सारा जीवन लोगों की भलाई में बिता दिया। आजादी के बाद वह अपना सारा जीवन अपने प्रोफेशन यानि चिकित्सा सेवा को समर्पित कर दिया। संस्था के संगठक सचिव निर्देश मदरेले ने कहा कि भगवान तो हमें एक बार जीवन देता है पर डॉक्टर हमारे अमूल्य जान को बार-बार बचाता है। दुनियां में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां डॉक्टरों ने भगवान से भी बढक़र काम किया है। जिला मिडिया प्रभारी शैलेन्द्र बिहारिया ने कहा कि बच्चे को जन्म देना हो या किसी वृद्ध को बचाना हो डॉक्टरों की मदद हमेशा हमें मुश्किल से बचाती है। यही एक पेशा है जहां दवा और दुआ का अनोखा संगम देखने को मिलता है, इंसान को भगवान भी यहीं बनाया जाता है। निलिमा नंदनवार ने कहा कि डॉक्टरों ने मानव जाति के लिए बहुत समर्पण किया है. अगर भारत की बात की जाए तो हम देखेंगे कि यहां आज भी डॉक्टरों और वैद्यों का विशेष आदर-सत्कार होता है। नितेश मालवीय ने कहा कि रोगों को हरने में जुटे इन अदम्य और अथक योद्धाओं को हम नमन करते हैं। डॉ बसंत श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मान हमें दायित्व का बोध कराता है। इस अवसर पर प्रकाश मालवीय, मुकेश उइके, पदमा पवांर, रमेश जैन, राजेश बोरखड़े, हिमंाशु जैन, पियूष सावरकर, आदि उपस्थित थे।