बैतूल । मप्र कर्मचारी कांग्रेस द्वारा जिलाध्यक्ष शकुन्तला शर्मा के नेतृत्व में बैतूल कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्र को एक ज्ञापन सौंप कर प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारियों की लंबित मांगों के निराकरण हेतु सात चरणों में किये जाने वाले प्रदेश व्यापी आंदोलन की सूचना दी गई। इस संबंध में सुश्री शर्मा ने बताया कि मांगों के निराकरण नहीं होने की दशा में सात चरणों में आंदोलन किया जाएगा। जिसके तहत जिला स्तर पर ज्ञापन, प्रभारी मंत्रीयों को ज्ञापन, राज्य शासन की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ एवं राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन एवं जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन शामिल है। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से अध्यक्ष मप्र लिपिक वर्ग संघ शंकर सिंह चौहान, अनिल दुबे, केएल ठाकुर, अध्यक्ष मप्र अजाक्स संघ अनिल कापसे, सुरेश चौहान, संजय सोनी, नारायण नागले, आरएस खरे, बीआर धोटे, रमेश यादव आदि उपस्थित थे।
ज्ञापन की प्रमुख मांगें
ज्ञापन की प्रमुख मांगों में मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार प्रदेश के समस्त संवर्गो के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को त्रिस्तरीय पदोन्नति समयमान वेतन दिया जाये, वेतनमान रूपये 5000- 8000 एवं 5500-90000 में ग्रेड पे रूपये 3200 एवं 3600 के स्थान पर केन्द्र सरकार तथा छग सरकार के समान ग्रेड पे रूपये 4200 की जाये एवं वेतनमान रूपये 6500-10500 में ग्रेड पे रूपये 4200 के स्थान पर 4800 दी जाए, दुग्ध महासंघ के अंतर्गत भोपाल सहित सभी दुग्ध संघों के ठेका श्रमिकों की सेवाऐं नियमित की जाए, मुख्यमंत्री के आश्वासन अनुसार सभी वर्गो के कर्मचारियों की 51 सूत्रीय मांगों का शीघ्र निराकरण किया जाए, प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों को 2011 की जनगणना के आधार पर केन्द्र के समान मकान भाड़ा, भत्ता दिया जाए, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों पर लागू वृत्तिकर समाप्त किया जाए, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की जाए, वर्ष 2013 से 2012 तक के मंहगाई भत्ते के ऐरियर्स राशि का नगद भुगतान किया जाए, अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितैशी अनुसशांओं को शीघ्र लागू किया जाए तथा अनुसंशा अनुरूप कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित किया जाए, उन्हें समयमान वेतनमान एवं अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाए, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से नियमित हुए कर्मचारियों को उनके द्वारा दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई सेवा को पेंशन के उद्देश्य से गणन में लिया जाए, दैवेभो कर्मचारियों एवं संविदा कर्मचारियों को एक मुश्त नियमित किया जाए, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रूपये 5200-20200 का वेतनमान दिया जाए, चिकित्सकों की भांति अस्पतालों में पदस्थ पैरा मेडिकल स्टाफ को भी नाइट इमरजेंसी ड्यूटी भत्ता दिया जाए हैं।
एमपीडब्लू (संविदा) को पद से पृथक न किया जाए
मप्र कर्मचारी कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
बैतूल। मप्र कर्मचारी कांग्रेस द्वारा जिलाध्यक्ष शकुन्तला शर्मा के नेतृत्व में बैतूल कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्र को एमपीडब्लू (संविदा) को पद से पृथक न किए जाने के विषय में ज्ञापन सौंपा। जिसमें उल्लेख है कि एमपीडब्लू (संविदा) नियुक्ति मलेरिया हाई रिस्क जिलों में हुई थी जिसके तहत बैतूल जिले में भी 57 एपीडब्लू की एवं प्रदेश में लगभग 1500 नियुक्ती हुई थी। इस संबंध में संचालनालय आदेशानुसार सभी एमपीडब्लू की सेवाएं 30 सितम्बर 2014 को समाप्त की जा रही हैं। वर्तमान में जिले में मलेरिया, डेंगु तथा मौसमी बिमारियों का प्रकोप चल रहा है, जिसको देखते हुए इनकी सेवा अवधि को निरंतर रखा जाए, मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी गंभीर बिमारियों की रोकथाम करने के साथ इनका कार्य स्वास्थ्य विभाग के समस्त कार्यक्रमों को संचालित करना होता है। इस योजना के अंतर्गत लेब टेक्नीशियन, एमटीएस, कंसलटेंट आदि के पद भी भरे गये थे जिनकी प्रोजेक्ट अवधि 2017 तक बढ़ा दी गई है। परन्तु अब एमपीडब्लू (संविदा) की सेवाएं ही समाप्त की जा रही हैं। वर्तमान में बैतूल जिला मलेरिया हाईरिक्स क्षेत्र की स्थिति में है ऐसी दशा में उक्त कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जाना जिले के हित में नहीं होगा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही इनके बच्चों एवं परिवार का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। ज्ञापन में एमपीडब्लू (संविदा) कर्मचारियों की संवदा अवधि बढ़ाने हेतु शासन व प्रशासन स्तर पर पहल करने का निवेदन किया है। ज्ञापन देने वालों में नरेन्द्र बारपेटे, हरिराम नवड़े, सुखराम छारले, गोविंद सिंह ठाकुर, आशीष माकोड़े आदि शामिल थे।