आज का युग विद्युत चुम्बकीय तरंगों का युग : दुबे
बैतूल । जेएच कॉलेज में बुधवार से दो दिवसीय सेनचुरी ऑफ एक्स रे एडं ह्युमन वेलफेयर पर राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ प्रदेश के विख्यात भौतिकविद एलएल दुबे इटारसी, सेवानिवृत्त प्रो जयराम कोरी,कार्यक्रम संयोजक प्रो अशोक कदवाने, सहसंयोजक सलील दुबे, प्रो आरजी वर्मा, प्रो प्रमोद मिश्रा, प्रो सुभाष खातरकर, शिवप्रकाश पवांर के आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम के प्रायोजन मेपकास्ट के द्वारा एवं आयोजन साईंस फोरम एवं भौतिक शास्त्र विभाग जेएच महाविद्यालय बैतूल द्वारा प्राचार्य डॉ सुभाष लव्हाले के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस अवसर पर एलएल दुबे ने कहा कि आज का युग विद्युत चुम्बकीय तरंगों का युग है, एक्सरे का उपयोग आज मैमोरी बढाने से लेकर किडनी के उपचार में किया जा रहा है। एक्सरे का सबसे ज्यादा उपयोग हड्डीयों की वास्तविक स्थिति के परिक्षण के लिए किया जाता है। एक्सरे किरणों के माध्यम से बड़ी बड़ी खोजे हो चुकी हैं। श्री कोरी ने कहा कि एक्सरे किरणों को आंखो से नहीं देखा जा सकता है, यह उस वर्णक्रम का हिस्सा है जिसके हम बहुत छोटे से भाग को आंखों से देख पाते हैं। इनकी उर्जा बहुत ज्यादा होती है, क्योकि इनकी तरंगदैध्र्य बहुत कम होती है। 1901 में रोंटजन को इसके अविष्कार के लिए भौतिकी के पहले नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रो प्रमोद मिश्रा ने सेमीनार की विषयवस्तु स्पष्ट किया एवं प्रो आरजी वर्मा ने साईंस फोरम के द्वारा किए गए कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ खेमराज मगरदे ने एवं आभार विभागाध्यक्ष प्रो अशोक कदवाने द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ सुखदेव डोंगरे, डॉ रमाकांत जोशी, डॉ धमेन्द्र, डॉ अर्चना मेहता, डॉ ज्योति शर्मा, डॉ मीना डोनीवाल, डॉ अल्का पांडे, डॉ विजेता चौबे,प्रो अशोक दबाड़े, डॉ यशपाल मालवीय, डीएन खासदेव, प्रो अर्चना सोनारे, डॉ पल्लवी दुबे, डॉ बीडी नागले, प्रो मुकुंद चंदेल, डॉ परमजीत सिंह सलुजा, डॉ दलजीत सिंह सलुजा, डॉ गोपाल साहू, एकनाथ निरापुरे,डॉ आरडी डहरिया, प्रो महादेव वागदे्र, डॉ गणेश पटेल आदि उपस्थित थे।