बैतूल. श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ समिति के तत्वावधान में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित प्रभूजी नागर ने कहा कि हर संकट में भगवान भक्त की रक्षा करता है। भक्ति वह शक्ति है, जिससे मोक्ष के द्वारा अपने आप खुल जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में भक्ति को प्रधान माना है। इसका उदाहरण भक्त प्रहलाद और सुदामा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से गाड़ी कंट्रोल ड्राइवर के हाथों में होता है उसी तरह इस दुनिया का कंट्रोल उस परमात्मा के पास है। इसलिए मानव को कर्म करना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा आज मानव के जीवन का एक ही उद्देश्य है और वह है अपने आवश्यकाओं को पूरा करना और वह अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मोह माया के जाल में फंसता चला जा रहा है वह इस बात को नहीं समझ पा रहा है कि मोह माया केवल एक अंधकार है जिसे केवल ज्ञान के प्रकाश से दूर किया जा सकता है।
जमकर थिरके कमद
कथा के तीसरे दिन जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण के भजनों की प्रस्तुति का क्रम आया तो भक्त अपने स्थान से खड़े होकर थिरकने लगे। सभी हाथ उठाकर भगवान कृष्ण के जयकारें भी लगा रहे थे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि रोजाना सुबह के समय विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। वहीं भगवान श्रीकृष्ण की झांकी भी बनाई जा रही है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है।