बैतूल। आज दिनांक 1 दिसम्बर दिन शनिवार को अंश सेवा समिति के तत्वाधान में सोहागपुर श्रीजीशुगर मिल एण्ड पावर प्राईवेट लिमिटेड में काम करने हेतु आए मजदूरों,ढाबों एवं ट्रक चालकों को कंडोम वितरित किये गये। अंश सेवा समिति के पवन मालवी ने बताया कि आज एड्स दिवस पर लोगों को जागरूक करने हेतु यह कार्यक्रम आयोजित किया गया । समाज सेवी तुलसी साहू ने बताया कि इस अवसर पर लोगों को एचआईवी से बचने के उपाए बताते हुये कहा की अपने साथी के साथ वफादारी,यौन संबंध के दौरान कंडोम का इस्तमाल अवश्य करे। इससे एचआईवी और अन्य गुप्त रोग (एसटीडी) होने की संभावना कम रहती है,रक्त या रक्त उत्पाद स्वीकार करने से पहले अच्छी तरह जांच ले कि वह एचआईवी मुक्त है।
रक्त लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से ही ले।,जो सिंरीज एवं सुई का किसी व्यक्ति के लिये इस्तेमाल किया जा चुका हो उसे अपने काम में लाएं चाहे वह व्यक्ति कितनी ही घनिष्ठ या कितना ही स्वस्थ्य क्यों न हो,इंजेक्शन के लिये हमेशा डिस्पोजेबल सुई एवं सिरिंजों का ही इस्तेमाल करे या सुई व सिरिंजो का ही इस्तेमाल करें या सुई व सिरिंजो को पानी में अच्छी तरह उबाले (लगभग 20 मिनट तक),अपने मित्र-दोस्तों के दबाव में आकर कोई जोखिम पूर्ण व्यवहार न कर बैठें।,कोई संदेह या डर हो तो उसके बारे में किसी भी चिकित्सक, परामर्शदाता से बातचीत करें और समस्या का समाधान कर ले। ,जानकारी प्राप्त होने पर एड्स की बात सबके साथ करे, इस संबंध में मित्रों सहयोगियो, परिवार व समाज की जागरूकता बढावे।
नागदेव उबनारे ने उपस्थित लोगों को बताया कि एडस की दवा एआरटी केन्द्र में उपलब्ध मुफ्त उपलब्ध है एवं मुफ्त स्वास्थ्य सेवा,मुफ्त सीडी-4 जांच, मुफ्त एआरटी दवा दी जाती है। एकीकृत सलाह और जांच केन्द्र (आईसीटीसी) में एचआईवी की मुफ्त उपलब्ध है, जांच से पहले और बाद में परामर्श दिया जाता है। यह जांच पूरी तरह गोपनीय होती है। यह सुविधा सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविधालयों में उपलब्ध है।
सलाह और एचआईवी की जांच पूरी तरह से गोपनीय और मुफ्त है। अंश सेवा समिति के अध्यक्ष पवन मालवी ने उपस्थित लोगो एडस से जुड़ी भ्रांतियों के संबंध में बताया कि एचआईवी / एड़स संक्रमण साथ-साथ खाना खाने से,सामान्य सामाजिक व्यवहार जैसे हाथ मिलाने, गले मिलने से,खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर, शौचालय, टेलीफोन, स्विमिंग पूल इत्यादि के सामूहिक उपयोग से।,खासने , छीकनें या हवा से, मछरों के काटने या घरों में पाये जाने वाले कीड़े मकोडों के काटने से नहीं होता है।