कई हैकर्स गुमराह कर लूट रहे हैं खाते की रकम
बैतूल। यदि आपके पास किसी का फोन आए और वो अपने आप को किसी बैंक का प्रतिनिधि,कर्मचारी,पुलिस का नुमाइंदा आदि कुछ भी बताए और आपसे आपके एकाउंट संबंधी कोई भी जानकारी पूछे तो कतई उसे कोई जानकारी न दें। अन्यथा आपको आपके खाते की रकम से हाथ धोना पड़ सकता है। कुछ ऐसा ही आज एक बुर्जुग के साथ हुआ। उनकी कुछ रकम तो गई लेकिन बुर्जुग की सावधानी और बैंक अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी रकम पर हैकर्स हाथ साफ करने से रह गया।
ताजा घटना आज गुरूवार को बैतूल शहर के जाकिर हुसैन वार्ड की है। यहां रहने वाले केशवराव माथनकर के पास लैंड लाईन पर सुबह करीब 10 बजे एक फोन आया। फोन करने वाले ने उनका नाम कंफर्म किया और कहा कि वो बैंक से बोल रहा है। जानकारी आदि के लिए उसे उनका एकांउट नंबर,एटीएम नंबर और उसका पासवर्ड चाहिए। फोन करने वाले की बातों में उलझकर इस बुर्जुग ने अपनी बैंक संबंधी सारी जानकारी उस व्यक्ति को दे दी। लेकिन उसके बाद उनका माथा ठनका कि आखिर बैंक का कर्मचारी उनसे फोन पर यह जानकारी क्यों मांग रहा है तो वे तुरंत दौड़े-दौड़े स्टेट बैंक आफ इंडिया की की गंज शाखा में पहुंचे। यहां उन्होंने शाखा प्रबंधक एल रमेश को सारे घटनाक्रम की जानाकारी दी। श्री रमेश तुरंत समझ गए कि यह किसी हैकर्स की हरकत है। उन्होंने तुरंत उनके खाते को सीज किया ताकि कोई उसमें से पैसा न निकल पाए,लेकिन तब तक हैकर्स ने 9 हजार 999 रूपए की कोई खरीद करने के लिए पैसा ट्रांसफर कर लिया था। फिर भी गनीमत रही कि कोई बहुत ज्यादा रकम वह नहीं निकाल पाया। भुक्तभोगी बुर्जुग को सभी ने समझाया कि कभी भी वह अपना एटीएम नंबर-पासवर्ड आदि किसी को न बताएं।
बैंक कभी नहीं लेता फोन पर जानकारी:
स्टेट बैंक आफ इंडिया की गंज ब्रांच के मैनेजर एल रमेश ने वहां उपस्थित सभी ग्राहकों को बताया कि बैंक की कोई भी शाखा या कर्मचारी कभी भी बैंक ग्राहकों से उनके एकांउट संबंधी कोई जानकारी फोन पर नहीं लेता है। वे हमेशा इस बात को ध्यान में रखे और अपने एटीएम को इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। साथ ही इसके नंबर और पासवर्ड आदि किसी को न बताएं। इसके अलावा यदि कभी कोई गलती हो जाती है तो बैंक को तुरंत फोन कर स्वंय उपस्थित होकर जानकारी दें ताकि खाते में से पैसों को ट्रांसफर तुरंत रोका जा सके।
पुलिस में शिकायत से डरते हैं भुक्तभोगी:
आमतौर पर पैसों के मामले में इस तरह से लुट जाने के बाद भी भुक्तभोगी पुलिस में शिकायत नहीं करते हैं। ताजा मामले में भी यही हुआ कि जब उस बुर्जुग को पुलिस थाने में शिकायत करने को कहा गया तो उसने साफ इंकार कर दिया कि कहां अब वो कोर्ट-कचहरी और थाने के चक्कर इस उम्र में काटेगा। कुछ ऐसा ही हादसा पिछले दिनों एक कालेज के प्रोफेसर के साथ हुआ था जब उनके करीब 36 हजार रूपए पर एक हैकर्स ने ऐसे ही हाथ साफ कर लिए थे। इससे पता चलता है कि पढ़े-लिखे लोग भी कितनी जल्दी ऐसे फोन करने वाले की बातों में आकर गुमराह हो जाते हैं। उस मामले में भी प्रोफेसर ने पुलिस में शिकायत नहीं की। इसका सीधा फायदा लूटने वाले हैकर्स को मिलता है जो लगातार ऐसी हरकतों को अंजाम देता रहता है। अब आवश्यकता है स्वयं सावधान होने की ताकि आपकी मेहनत की कमाई को कोई सिर्फ आपको बातों में गुमराह कर ले न उड़े।