वेस्ट इंडीज ने आयरलैंड जैसी अंडर डॉग टीम को 300 रनों का लक्ष्य दिया जिसे आयरलैंड ने बेहद पेशेवर और सहज भाव से पार किया। छोटी टीमें विश्व कप में अक्सर उलटफेर कर इसकी मादकता बनाये रखती हैं। आयरलैंड पूल बी में है और वह एक बार और किसी बड़ी टीम को मात दे देती है तो वह क्वाटर फाईनल में पहुंच सकती है। वेस्ट इंडीज ने अनुशासन के चलते पोलार्ड जैसे खिलाडियों को बाहर रखा है और होल्डर को कप्तानी सौंपी है। वेस्टइंडीज वही टीम है जिसने शुरूआती दो विश्वकप लगातार जीते थे और तीसरे में फाईनल तक पहुंची थी। गोया की लोगो के समय बदलता है, वेस्टइंडिज का तो दौर ही बदल गया। पहले विश्व कप से आज तलक सिर्फ इंग्लैड, आस्टे्रलिया और न्युजीलैंड लगभग एक सा प्रदर्शन करती रहीं हैं। बाकी टीमों ने बहुत उतार चढाव देखें हैं। वेस्ट इंडीज के वर्तमान खिलाड़ी अपने रोल मॉडलों को रूल करते देख बड़े हुए हैं, आज वही रोल मॉडल इस टीम की ऐसी हालत देख रहें हैं। जिंदगी हो या खेल फलसफा एक ही है कि शीर्ष पर आने से ज्यादा तेज शीर्ष पर बने रहने के लिए दौडऩा पड़ता है। आज मंगलवार को न्यूजीलैंड का सामना स्कॉटलैंड से होगा। आयरलैंड की तरह स्कॉटलैंड के कई खिलाड़ी काउंटी में खेल रहें हैं जिससे उन्हें पर्याप्त अनुभव है। फिर भी न्युजीलैंड टीम का पडला भारी रहेगा।
फैक्ट फाईल
विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले सचिन तेन्दुलकर ने विश्वकप की 44 पारियों में 56.95 के औसत से 88.98 के स्टाईक रेट से 2278 रन बनायें हैं। जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 152 रन है, 6 शतक एवं 15 अर्धशतक है। इस रैंकिग में रिकी पोंटिग दूसरे स्थान पर हैं।